Water Discovery on Mercury: बुध ग्रह पर पानी की खोज: विज्ञान की एक चौंकाने वाली उपलब्धि

Water Discovery on Mercury
Water Discovery on Mercury: बुध ग्रह पर पानी की खोज: विज्ञान की एक चौंकाने वाली उपलब्धि

Water Discovery on Mercury: अनु सैनी। विज्ञान में पानी को जीवन की सबसे अहम निशानी माना जाता है। वैज्ञानिकों की मान्यता है कि जहां पानी है, वहां जीवन की संभावना भी हो सकती है। यही कारण है कि पूरे ब्रह्मांड में पानी की तलाश लगातार जारी है–चाहे वह मंगल ग्रह की सूखी नदियों की घाटियां हों या विशाल गैस ग्रहों के चारों ओर चक्कर लगाने वाले बर्फ से ढके चंद्रमा।

हमारी सोच से कहीं ज्यादा रहस्यमय है सौर मंडल | Water Discovery on Mercury

हर दिन तकनीक में हो रही प्रगति हमें यह एहसास दिलाती है कि हमारा सौर मंडल अनेक अनजाने रहस्यों से भरा हुआ है। इसी क्रम में जब मंगल ग्रह को पृथ्वी के बाद पानी के लिए सबसे उपयुक्त माना जाता है, तब बुध ग्रह पर बर्फ की मौजूदगी की खोज ने वैज्ञानिकों को चौंका दिया।

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NASA के मैसेंजर मिशन की खोज

2012 में नासा के मैसेंजर मिशन के दौरान वैज्ञानिकों ने बुध ग्रह के ध्रुवीय क्षेत्रों में कुछ ऐसे स्थान खोजे जो न केवल अत्यधिक ठंडे थे बल्कि सूर्य की रोशनी से भी पूरी तरह सुरक्षित थे। इन गहरे गड्ढों के भीतर मिले रडार संकेतों ने पानी की बर्फ होने के ठोस प्रमाण दिए।

रडार संकेतों से मिली पुष्टि

नासा ने बताया कि इन संकेतों में उच्च परावर्तनशीलता (High Reflectivity) और विपरीत ध्रुवीकरण (Depolarization) जैसे गुण देखे गए, जो ग्रहों की सतह पर पानी की बर्फ की पहचान के लिए माने जाते हैं।

कैसे हुई यह खोज? Water Discovery on Mercury

यह खोज बिना बुध पर उतरे की गई। वैज्ञानिकों ने अरेसीबो रेडियो टेलीस्कोप, गोल्डस्टोन एंटीना और वेरी लार्ज एरे (VLA) जैसे उन्नत उपकरणों की मदद से बुध से आने वाले रेडियो सिग्नल्स का विश्लेषण किया। खासतौर पर ग्रह के ध्रुवीय क्षेत्रों से मिले संकेत बर्फ की मौजूदगी के मजबूत प्रमाण थे।

सूरज के इतने करीब बर्फ कैसे टिक सकती है?

बुध ग्रह के ध्रुवों पर मौजूद गड्ढे कभी भी सूरज की रोशनी के संपर्क में नहीं आते। यह स्थायी छाया क्षेत्र अत्यधिक ठंडे होते हैं, जहां तापमान इतना नीचे होता है कि पानी की बर्फ लाखों-करोड़ों सालों तक बनी रह सकती है।

बर्फ की उत्पत्ति: दो प्रमुख सिद्धांत

सिद्धांत 1: उल्कापिंडों और धूमकेतुओं से जल आगमन
पहला मान्यता यह है कि सौर मंडल के प्रारंभिक दौर में जब उल्कापिंड और धूमकेतु बड़ी संख्या में ग्रहों से टकरा रहे थे, तब यही जल बुध तक पहुंचा।

सिद्धांत 2: ग्रह के अंदर से निकला जल वाष्प

दूसरा विचार यह है कि बुध ने कभी अपने आंतरिक स्रोतों से जल वाष्प छोड़ा हो, जो बाद में ठंडी और अंधेरी जगहों पर जाकर जम गया।

वैज्ञानिक दृष्टिकोण में बदलाव | Water Discovery on Mercury

इस खोज ने यह साबित किया कि किसी ग्रह पर पानी की मौजूदगी सिर्फ तापमान या वातावरण पर निर्भर नहीं करती। बल्कि, वहां की भूगर्भीय बनावट, ग्रह की स्थिति, और परिक्रमा की परिस्थितियां भी अहम भूमिका निभाती हैं। बुध ग्रह पर बर्फ की मौजूदगी एक क्रांतिकारी खोज है, जिसने वैज्ञानिकों की ग्रहीय जल स्रोतों को लेकर सोच बदल दी है। यह इस बात का संकेत है कि जीवन की संभावनाओं की तलाश अब सिर्फ बड़े ग्रहों तक सीमित नहीं रही, बल्कि अब ऐसे स्थान भी इस खोज में शामिल हो चुके हैं, जो पहले असंभव माने जाते थे।