Donald Trump AI order: वाशिंगटन। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सरकारी एजेंसियों में ‘वोक’ कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) के उपयोग पर सख्त प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया है। इस संबंध में उन्होंने एक विशेष कार्यकारी आदेश (Executive Order) जारी किया है, जिसमें स्पष्ट किया गया है कि ऐसे एआई सिस्टम जो विचारधारा से प्रभावित होते हैं, उन्हें अब सरकारी इस्तेमाल के लिए नहीं अपनाया जाएगा। Ban on woke AI
ट्रंप ने अपने आदेश में कहा है कि कुछ एआई सिस्टम विविधता, समानता और समावेशन (Diversity, Equity, Inclusion – DEI) जैसे वैचारिक एजेंडों के अधीन काम कर रहे हैं, जिससे ऐतिहासिक तथ्यों, विज्ञान और सच्चाई की निष्पक्षता पर प्रश्नचिन्ह लगता है। उन्होंने कहा कि एआई तकनीक को वैचारिक रूप से निष्पक्ष और तथ्यों पर आधारित होना चाहिए।
सिर्फ सत्य और तटस्थता पर आधारित एआई की अनुमति
ट्रंप द्वारा जारी आदेश में निर्देश दिया गया है कि अब से सभी सरकारी एजेंसियां केवल उन्हीं एआई प्रणालियों या लार्ज लैंग्वेज मॉडल्स (LLMs) का उपयोग कर सकेंगी, जो “सत्य” और “वैचारिक तटस्थता” के सिद्धांतों का पूर्णतः पालन करें। यदि कोई एआई मॉडल किसी विशेष वैचारिक पक्षपात को बढ़ावा देता पाया गया, तो उसके आपूर्तिकर्ता का अनुबंध तत्काल रद्द कर दिया जाएगा। ट्रंप प्रशासन का कहना है कि एआई को किसी भी राजनीतिक या सामाजिक विचारधारा से परे रहकर केवल तथ्य-आधारित और निष्पक्ष उत्तर देने चाहिए। इससे सरकारी निर्णयों की विश्वसनीयता और वैज्ञानिक निष्पक्षता बनी रहेगी।
सबसे उन्नत एआई ढांचा विकसित करने का दावा | Ban on woke AI
इस आदेश के साथ ही ट्रंप ने यह भी ऐलान किया कि उनका प्रशासन अमेरिका को विश्व का सबसे उन्नत और शक्तिशाली एआई ढांचा प्रदान करेगा। उन्होंने कहा, “हमारा उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि अमेरिका पृथ्वी पर सबसे बड़ा, सशक्त और आधुनिक एआई इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करे और उसका नेतृत्व करे।”
गौरतलब है कि ‘वोक’ शब्द पहले सामाजिक जागरूकता का प्रतीक माना जाता था, विशेष रूप से नस्लवाद, सामाजिक अन्याय और भेदभाव के विरुद्ध जागरूकता के संदर्भ में। परंतु हाल के वर्षों में यह शब्द राजनीतिक और वैचारिक बहसों में एक विवादास्पद मुद्दा बन चुका है। Ban on woke AI