किसान कुलवंत सिंह ने कड़े परिश्रम से खिलाए सफलता के फूल, सालाना 10 लाख आमदन

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किसान कुलवंत सिंह ने कड़े परिश्रम से खिलाए सफलता के फूल, सालाना 10 लाख आमदन

म्हारी खेती-म्हारे किसान : बेटों ने भी पढ़ाई छोड़ दिया पिता का साथ, फूलों की खेती से उठा रहे अच्छा मुनाफा | Farmer

ओढ़ां (सच कहूँ/राजू)। किसान (Farmer) कुलवंत सिंह भी कभी सामान्य खेती करता था, लेकिन इसमें खर्च अधिक और मुनाफा कम होने की वजह से खेती में लगभग घाटा ही उठाना पड़ता था। जब उसने सबसे हटकर खेती करनी चाही तो उसे लोगों की हंसी का पात्र भी बनना पड़ा। लेकिन कुलवंत सिंह ने मन में ठानते हुए ऐसी हटकर खेती करके दिखाई जिसके चलते अब लोग उसकी खूब प्रशंसा कर रहे हैं। किसान ने धीरे-धीरे इस खेती के दायरे को बढ़ाते हुए सामान्य खेती को अलविदा कह डाला। किसान कुलवंत सिंह आज सालाना करीब 10 लाख रुपये कमा रहा है। इस बारे किसान कुलवंत सिंह से सच-कहूँ ने विशेष बातचीत की।

सरसा जिला के गांव छतरियां निवासी किसान (Farmer) कुलवंत सिंह घोड़ेला ने बताया कि उसके पास 10 एकड़ भूमि है। वह भी अन्य किसानों की तरह सामान्य खेती करता था, लेकिन उसमें लाभ कम और लागत अधिक होने की वजह से प्राय: घाटा ही उठाना पड़ता था। जिसके बाद उसके मन में आया कि क्यों न खेती में कुछ अलग किया जाए। जिसके बाद उसने वर्ष 1998 में बागवानी अपनाते हुए सर्वप्रथम एक कैनाल भूमि में गेंदे के फूल की खेती की। किसान ने जब फूलों की खेती शुरू की तो लोगों ने इसका उपहास उड़ाते हुए कहा कि यहां कौन से फूल खिलेंगे, वह सामान्य खेती से भी हाथ धो बैठेगा। लेकिन कुलवंत सिंह ने किसी की न सुनते हुए खूब मेहनत की। प्रथम वर्ष उसने 10 हजार रुपये मुनाफा कमाया जोकि उस समय बड़ी आमदन थी।

सफलता से बढ़ा दायरा | Farmer

प्रथम वर्ष जब एक कैनाल में अच्छा मुनाफा हुआ तो किसान कुलवंत सिंह की रूचि इस तरफ और बढ़ गई। जिसके बाद उसने इसका दायरा बढ़ाते हुए एक एकड़ में गेंदे के फूल की खेती की। उस वक्त फूल के दाम तकरीबन 10 रुपये प्रति किलो के आसपास थे। एक एकड़ में कुलवंत सिंह ने 40 हजार रुपये का मुनाफा कमाया। जिसके बाद किसान ने इसका दायरा 3 एकड़ से 6 एकड़ में बढ़ा दिया।

गेंदे के साथ-साथ उसने 3 कैनाल भूमि में गुलाब की खेती भी शुरू कर दी, जिसमें उसने 60 हजार रुपये का मुनाफा कमाया। फिर उसने गुलाब का भी दायरा बढ़ाते हुए एक एकड़ में गुलाब की खेती कर 4 लाख रुपये का मुनाफा कमाया। मौजूदा समय में किसान करीब 7 एकड़ में गुलाब, गेंदे व अन्य किस्म के फूलों की खेती कर रखी है। इसके अलावा उसने इस बार 2 कैनाल भूमि में खजूर की नर्सरी भी तैयार की है।

कठिन था शुरूआती दौर

1998 में जब पहली बार कुलवंत सिंह ने फूलों की खेती शुरू की तो उसे बिक्री करने में काफी समस्या सामने आई। कारण ये था कि एक तो मोबाइल आदि संसाधन कम थे तथा दाम व बिक्री की जगह का भी पता नहीं था। इसलिए जो दाम मिलते थे उसी दामों में फसल बेच दी जाती। किसान ने ज्यों-ज्यों दायरा बढ़ाया त्यों-त्यों उसकी इस क्षेत्र में जानकारी बढ़ी। मौजूदा समय में कुलवंत सिंह के दोनों बेटे सोशल मीडिया का सहारा लेकर अच्छी मार्केटिंग करते हैं।

ग्वार की फसल से भी अच्छी आमदन

ग्वार की फसल को सामान्य खेती में गिना जाता है। लेकिन अगर इसे सब्जी के तौर पर लिया जाए तो इसकी काफी डिमांड होती है। शहरी क्षेत्रों में लोग इसे बड़े चाव से खरीदते हैं। फू ल की खेती के साथ-साथ किसान कुलवंत सिंह एक एकड़ में देसी ग्वार की फसल भी बोता है। जिसे वह सब्जी के रूप में मंडियों में बेचकर अच्छा मुनाफा कमाता है। इस फसल को किसान मार्च माह में बिजाई करने के बाद जुलाई तक चलाता है। किसान कुलवंत सिंह एक एकड़ ग्वार की फसल को सब्जी के रूप में बेचकर प्रतिवर्ष करीब 1.25 लाख रुपये का मुनाफा कमाता है। क्योंकि ग्वार की फली मंडी में शुरूआती दौर में तकरीबन 100 रुपये व उसके बाद 60 से 70 रुपये प्रति किलो के हिसाब से बिकती है।

बठिंडा, डबवाली, सरसा, कालांवाली क्षेत्रों में करते हैं मार्केटिंग

किसान कुलवंत सिंह के 2 बेटे हैं, जिसमें बड़ा बेटे सुनील ने बी.कॉम कर रखी है तथा छोटे बेटे राजेश ने बी.ए व जेबीटी कर रखी है। ग्रेजुऐशन करने के बावजूद भी कुलवंत के दोनों बेटे पिता के साथ खेती में लग गए। कुलवंत खेत संभालता है तथा राजेश व सुनील दोनों हर रोज अलसुबह बठिंडा, डबवाली, सरसा, कालांवाली आदि क्षेत्रों में फूलों की मार्केटिंग के लिए जाते हैं। दोनों बेटों ने सोशल मीडिया के माध्यम से इस कारोबार को अच्छा बढ़ा रखा है। कुलवंत सिंह व उसके दोनों बेटे पिछले 23 वर्षांे से फूलों की खेती में अच्छी आमदन उठा रहे हैं।

इस बार और भी नया | Farmer

फूलों की खेती से किसान कुलवंत सिंह की नॉलेज और बढ़ी है। उसने अपने खेत में गुलाब व गेंदे के साथ-साथ अन्य तरह के फूलों को भी शामिल किया है। जिसमें गलेडियोलस फूल भी शामिल है। ये फूल काफी सुंदर व अलग-अलग रंगों में होने के चलते इसकी डिमांड काफी रहती है। इन फूलों को खास लोगों के लिए स्वागत के रूप में बुकों में प्रयोग किया जाता है। किसान कुलवंत सिंह ने मौजूदा समय में 3 एकड़ में गुलाब, करीब 4 एकड़ में गेंदा, 3 कैनाल में गलेडियोलस व 2 कैनाल में खजूर की खेती कर रखी है। इसके अलावा किसान फूलों की अन्य वैरायटियों को भी शामिल करेगा।

मेहनत अधिक तो आमदन भी अच्छी :-

फूल की खेती में कुलवंत सिंह व उसके दोनों बेटे अलसुबह फूल तोड़ने पहुंच जाते हैं। जब तक अन्य किसान खेतों में पहुंचते है तब तक फूल की तुड़ाई व पैकिंग होकर मार्केटिंग के लिए निकल जाती है। इस कार्य में मेहनत अधिक होने के चलते अन्य किसान अपनी सामान्य खेती को नहीं छोड़ रहे। किसान ने कहा कि भले ही इस खेती में मेहनत अधिक है, लेकिन आमदन भी तो काफी अच्छी है। किसान को फूलों की ही नहीं, बल्कि सब्जियों की खेती व किन्नु की बागवानी भी अपनानी चाहिए। किसान कुलवंत सिंह ने कहा कि जिला में फूलों का मंडीकरण न होने की वजह से बिक्री में थोड़ी परेशानी आती है।

जून में लड्डू गेंदा,

  • सर्दी में जाफरी:-

किसान कुलवंत सिंह फूलों की करीब 7 वैरायटियां बोता है। कुलवंत सिंह जून में लड्डू गेंदे के फूल की बुआई करता है। ये पौधा 45 दिन में फूल देना शुरू कर देता है। ये फसल 100 दिन की है और मार्च माह तक चलती है। इन फूलों की बाजार में अच्छी-खासी डिमांड है। वहीं गेंदे में जाफरी वैरायटी की भी अच्छी मांग है। ये फूल सर्दी की फसल है। जाफरी का पौधा दिसंबर में फूल देना शुरू करता है जो मार्च तक चलता है। मार्च माह के बाद गर्मियों के लड्डू गेंदे की फसल शुरू हो जाती है। किसान कुलवंत सिंह ने बताया कि बाजार में उसका गुलाब का फूल 100 रुपये व गेंदा 60 से 70 रुपये बिक रहा है।

बागवानी अपनाकर फूलों की खेती में किसान कुलवंत सिंह अच्छा मुनाफा कमा रहा है। इस खेती में खर्च कम और आमदन अधिक है। इसका जिला में मंडीकरण न होने व कुछ मेहनत अधिक होने की वजह से किसान फूलों की खेती कम करते हैं। फूलों के साथ-साथ किसान बागवानी में अन्य फसलें भी उगाकर अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं।
– महावीर भादू, खंड उद्यान, विकास अधिकारी (बडागुढ़ा)

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