कहानी: पेरेंटस बनें टीनएजर्स बच्चों के मददगार
जहां गलती करें, प्यार से उन्हें समझाएं ताकि उन्हें अहसास हो कि माता पिता ठीक कह रहे हैं अपनी मर्जी थोपे नहीं बल्कि उसकी भलाई बुराई से वाकिफ कराएं।
कोरोना पीड़ित
पिंकी ये, पिंकी वो, डोंट नो कैसे झेलती हो ऐसे पति को। मैं चुप रही, झेलती तो हूं, लेकिन केवल उन्हें नहीं तुम सबको भी साथ में। चश्मा पति को दे फिर कॉफी बनाने की लिए जाने लगी तो पति ने उसे अपने पास बैठा लिया,थोड़े देर पास बैठो, अब घर पर हूं तो पास भी नहीं आओगी।