जमीन पर जमा पाला, बर्फीली हवाओ ने किया जनजीवन अस्त व्यस्त

  • धूप खिलने पर भी ठंड से राहत नहीं
  • 18 जनवरी के बाद मौसम में बदलाव की सभावना

सच कहूँ / कुलदीप नैन
धमतान साहिब।

पहाड़ों में हो रही बर्फबारी का असर मैदानी इलाको में भी देखने को मिल रहा है। पिछले तीन दिनों से लगातार तापमान में गिरावट दर्ज हो रही है। हांलाकि दिन में धूप खिल रही। इसके बावजूद ठंड से राहत नहीं मिल रही। दिन का आगाज साफ मौसम और कड़ाके की ठंड के साथ हो रहा। सड़क किनारे झाड़ियों पर सफेद परत दिखाई दी। देशी भाषा मे इसे पाला जमना भी कहते है। हाड़ कंपा देने वाली कड़ाके की सूखी ठंड से जनजीवन अस्त व्यस्त हो रहा है। 16 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से चल रही बर्फीली हवा कंपकपी छुड़वा रही है। न्यूनतम तापमान दो डिग्री सेल्सियस तक पहुंचने से सुबह के समय कई स्थानों पर ओस की बूंदें जम गई।

ठंडी तेज हवा चुभन पैदा कर रही है। शीत लहर का जनजीवन पर साफ प्रभाव देखने को मिल रहा है। मौसम विभाग के अनुसार 18 जनवरी के बाद कुछ राहत मिलने की संभावना है। इसके बाद तापमान में कुछ इजाफा होगा।

पाला जमने से फसलों के झुलसने का खतरा मंडराने लगा है। ज्यादा प्रभाव सब्जियों पर पड़ रहा है, क्योकि पाला जमने के कारण पौधे ज्यादा बढ़ नही पाते और फिर फल कम लगते है। आलू, मटर, टमाटर इस मौसम में सबसे अधिक प्रभावित हो सकती है। किसान कड़ाके की ठंड को देखते हुए शाम को फसलों की सिंचाई अवश्य करें।

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