
New Expressway: नई दिल्ली। अनु सैनी देश की सबसे महत्वाकांक्षी सड़क परियोजनाओं में से एक दिल्ली–मुंबई सुपर एक्सप्रेसवे अब अपने अंतिम चरण में है। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के अनुसार, इस आधुनिक एक्सप्रेसवे का अधिकांश निर्माण कार्य पूरा हो चुका है और दिसंबर 2025 तक इसे पूरी तरह आम जनता के लिए खोल दिया जाएगा। इसके शुरू होने के बाद दिल्ली से मुंबई की दूरी को तय करने में अब महज़ 12 घंटे लगेंगे, जबकि वर्तमान में यही सफर ट्रेन से 16 से 18 घंटे का है।
छह राज्यों को मिलेगा फायदा | New Expressway
यह एक्सप्रेसवे दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र से होकर गुज़रेगा, जिससे छह राज्यों के करोड़ों लोगों को सीधी राहत मिलेगी। यह मार्ग देश के प्रमुख शहरों — दिल्ली, गुड़गांव, जयपुर, अजमेर, कोटा, भोपाल, इंदौर, सूरत और मुंबई — को आपस में जोड़ेगा। इस सुपर एक्सप्रेसवे के शुरू होने से यात्रा समय, ईंधन और खर्च तीनों में बड़ी कमी आएगी।
1386 किलोमीटर लंबा सफर
नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) द्वारा बनाए जा रहे इस एक्सप्रेसवे की कुल लंबाई 1386 किलोमीटर है। इसे नौ चरणों में बनाया जा रहा है, जिनमें से लगभग 80 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है। मंत्रालय के मुताबिक, दो फेज़ को छोड़कर बाकी सभी सेक्शन दिसंबर 2025 तक चालू हो जाएंगे।
पहले से चालू सेक्शन
वर्तमान में एक्सप्रेसवे का दिल्ली से दौसा और सवाई माधोपुर तक का 293 किमी हिस्सा तथा झालावार-रतलाम से गुजरात बॉर्डर तक का 245 किमी हिस्सा यातायात के लिए खुल चुका है। इन दोनों रूटों पर गाड़ियों की आवाजाही शुरू हो चुकी है, जिससे यात्रियों को पहले से ही राहत मिल रही है।
दिसंबर तक पूरे होने वाले हिस्से
दिसंबर तक जिन सेक्शनों के पूरा होने की उम्मीद है, उनमें शामिल हैं:-
सूरत से विरार (मुंबई) – 291 किमी
जवाहरलाल नेहरू पोर्ट – 95 किमी
भरूच से सूरत – 38 किमी
मध्य प्रदेश बॉर्डर से गुजरात – 148 किमी
सवाई माधोपुर से झालावार – 159 किमी
इन हिस्सों के तैयार होने के बाद दिल्ली से मुंबई तक निर्बाध सफर संभव हो जाएगा
आधुनिक सुविधाओं से लैस: यह सुपर एक्सप्रेसवे पूरी तरह ग्रीनफील्ड प्रोजेक्ट के रूप में विकसित किया जा रहा है। इसमें सोलर लाइटिंग, ईवी चार्जिंग स्टेशन, वन्यजीव क्रॉसिंग, और स्मार्ट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम जैसी अत्याधुनिक सुविधाएं होंगी। इन नवाचारों के साथ यह मार्ग न केवल पर्यावरण-अनुकूल होगा, बल्कि यात्रियों के लिए अधिक सुरक्षित और आरामदायक यात्रा का अनुभव भी देगा।
देश के इन्फ्रास्ट्रक्चर की बड़ी छलांग: दिल्ली–मुंबई सुपर एक्सप्रेसवे भारत के इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम माना जा रहा है। इसके पूरी तरह चालू होने के बाद देश के सबसे व्यस्त मार्ग पर ट्रैफिक दबाव कम होगा और औद्योगिक क्षेत्रों को भी बेहतर कनेक्टिविटी मिलेगी। संक्षेप में, दिसंबर 2025 से यह एक्सप्रेसवे पूरी तरह खुल जाएगा, जिससे छह राज्यों के लोगों को तेज़, सुरक्षित और किफायती यात्रा का नया विकल्प मिलेगा। भविष्य में यह एक्सप्रेसवे ट्रेन और हवाई यात्रा की तुलना में लोगों की पहली पसंद बन सकता है।














