सुब्बाखेड़ा की ग्राम पंचायत का सफाई व्यवस्था के लिए अलग ही प्रयास
ओढां (सच कहूँ/राजू)। Odhan News: ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों की अधिकतर एक ही शिकायत रहती है कि सफाईकर्मी गलियों की ठीक से सफाई नहीं करता। जब सफाईकर्मी से पूछा जाता है तो उसका जवाब होता है कि इतने बड़े गांव में सफाई कैसे संभव होगी। लेकिन अब कोई टेंशन वाली बात नहीं। अब एक देसी यंत्र गांव की गलियों में घूम-घूमकर चंद घंटों में ही गलियों को चकाचक कर देगा। हालांकि ये एक जुगाड़ है, लेकिन सफाई व्यवस्था में लोगों को काफी रास आ रहा है। सुनने में कुछ अटपटा जरूर लग रहा होगा कि आखिर ऐसा कैसा जुगाड़ है जो अपने आप ही झाड़ू लगाएगा।
लेकिन ऐसा बडागुढ़ा खंड के गांव सुब्बाखेड़ा में देखा जा सकता है। इस जुगाड़ ने जब स्वच्छता का झाड़ू चलाया तो सभी लोग अचम्भित नजर आए। दरअसल गांव सुब्बाखेड़ा की सरपंच गुरप्रीत कौर सोशल मीडिया पर सफाई व्यवस्था को लेकर कुछ जानकारियां ले रही थीं। इसी दौरान उन्होंने एक ऐसा जुगाड़ देखा जिसमें एक साथ कई झाड़ू चलते हैं और ये अपने आप ही सफाई कर देता है। जिसके बाद उन्होंने इस बारे अपने पति गुरशरण सिंह से चर्चा करते हुए इस जुगाड़ बारे पूरी जानकारी प्राप्त की। लेकिन ऐसा जुगाड़ क्षेत्र में न होने के चलते समस्या आई। जिसके बाद उन्होंने बडागुढ़ा में वैल्डिंग का कार्य करने वाले मिस्त्री गुरप्यास इन्सां से संपर्क किया तो उसने इसे बनाने की ट्राई करने की हामी भर दी।
कुछ ही दिनों में गुरप्यास इन्सां ने इसे बनाकर तैयार कर दिया। गुरप्यास ने बताया कि उसने ऐसा जुगाड़ पहले कभी बनाया तो नहीं था, लेकिन असंभव भी नहीं था। एक बार सोशल मीडिया पर देखा था और फिर बना ही दिया। ये फिलहाल ट्राई के तौर पर है। इसमें भविष्य में और भी सुधार करेंगे ताकि सफाई व्यवस्था और भी बेहतर हो। इस जुगाड़ पर ग्राम पंचायत का 40 से 50 हजार रुपये के आसपास खर्च आया। इस जुगाड़ में 2 टायर, बड़ा व्हील जो टायरों के साथ घूमकर झाड़ू लगाएगा इस यंत्र में 4 झाड़ू सहित अन्य सामान भी लगा।
पूरी तरह से ईंधन रहित, नहीं कोई ऊर्जा की जरूरत | Trading News
ये कोई बड़ा यंत्र नहीं है, बल्कि छोटा सा जुगाड़ है। जो पूरी तरह से ईंधन रहित है। ये जुगाड़ ट्रैक्टर के पीछे जुड़कर कार्य शुरू करेगा। ट्रैक्टर का काम मात्र इसे धीरे-धीरे आगे खीचने का ही है। इसमें क्रॉस या अन्य कोई ऊर्जा की जरूरत नहीं। इसका चलने का कनेक्शन स्वयं के टायरों के साथ ही है। जब टायर घूमेंगे तो 4 झाड़ूू एक साथ चलेंगे। अगर खर्च की बात करें तो ट्रैक्टर का पूरे दिन का ज्यादा से ज्यादा एक हजार रुपये के डीजल का ही है। अगर गांव की गलियां कम है तो डीजल का खर्च कम लगेगा। जैसे-जैसे ट्रैक्टर चलता जाएगा ये जुगाड़ गलियां साफ करता जाएगा।
लोगों को आ रहा रास
गांव सुब्बाखेड़ा में ग्राम पंचायत ने जब प्रथम बार इस जुगाड़ को गलियों में सफाई के लिए उतारा तो लोग अचम्भित नजर आए। लोगों ने इस जुगाड़ को गौर से देखते हुए इसकी खूब प्रशंसा की। लोगों ने कहा कि अब गांव की गलियां चकाचक नजर आएंगी। सरपंच प्रतिनिधि गुरशरण सिंह ने बताया कि उनका प्रयास यही था कि गांव में बेहतर सफाई व्यवस्था होनी चाहिए, चाहे वो किसी तरह भी हो। उन्होंने बताया कि इस जुगाड़ के माध्यम से सप्ताह में एक बार गांव की सफाई की जाएगी। इसमें लगाने के लिए स्पेशल व बड़े झाड़ू मंगवाए जाएंगे। Trading News
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