सजा पूरी कर 12 साल बाद घर लौटा हैदर, गलती से भारत पहुंचा था बिलाल, दोनों रिहा

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अटारी वाघा बॉर्डर पर पाकिस्तानी अधिकारियों को सौंपा, जुवेनाइल होम में व्यवहार की सराहना की | Sajid Hyder, Musabbar Bilal

अमृतसर (सच कहूँ न्यूज)। भारत ने दो पाकिस्तानी कैदियों को मंगलवार को रिहा कर दिया है। इन्हें अटारी सड़क सीमा से पाकिस्तान रवाना कर दिया गया है। इनकी पहचान मुबारक (Sajid Hyder Musabbar Bilal) बिलाल और साजिद हैदर के रूप में हुई। दोनों को कड़ी सुरक्षा के बीच अटारी सड़क सीमा पर लाया गया। दस्तावेजों की जांच के बाद सीमा सुरक्षा बलों ने दोनों को पाकिस्तानी रेंजर के हवाले कर दिया।

12 वर्ष बाद घर वापिस जा रहा हैदर

साजिद हैदर को दिल्ली की तिहाड़ जेल से रिहा किया गया। साजिद हैदर लाहौर की कोट लखपत जेल के साथ सटे एक गावं फूलां राजपूतां का रहने वाला है। वर्ष 2008 में बंग्लादेश बॉर्डर से भारत में प्रवेश किया था। दिल्ली में आकर रहने लगा। रोजी-रोटी के लिए दो वर्ष तक टैक्सी चलाने के बाद वर्ष 2010 में पुलिस के आगे आत्मसमर्पण कर दिया। वर्ष 2012 में दिल्ली की अदालत ने हैदर को सात वर्ष की सजा सुनाई थी।

रिहा होकर वतन लौट रहे हैदर ने कहा की वह पाकिस्तान के एजेंटों के झांसे में आ गया। पाकिस्तानी एजेंटों ने उसे पहले लाहौर से ढाका पहुंचाया। फिर भारत- बांग्लादेश की सीमा पर छोड़कर चले गए थे। वहां से वह भारत में प्रवेश कर दिल्ली पहुंच गया था। उसने कहा की वह 12 वर्ष के बाद घर जा रहा है।

घर से भागकर भारत में आ गया था बिलाल

पाकिस्तानी किशोर मुशब्बर बिलाल को मंगलवर सुबह होशियारपुर के जुबेनाइल होम (बालगृह) से रिहा किया गया। उसे लेकर पुलिस की टीम अटारी सीमा पहुंची और बीएसएफ के अधिकारी इसे अटारी सीमा पर ले गए। पाकिस्तान रवाना होने से पहले मुशब्बर ने बताया कि 22 महीने पहले परिवार में हुई मामूली विवाद के कारण वह घर से भाग गया था और गलती से भारतीय क्षेत्र में पहुंच गया था। यहां बीएसएफ के जवानों ने उसे पकड़ लिया। मंगलवार को उसे बहुत खुशी है कि वह अपने वतन लौट रहा है। भारत में पंजाब की जुवेनाइल होम में मिले व्यवहार और अच्छे बर्ताव की उसने सराहना की।

  • ऐसे पहुंचा था भारत: बता दें कि मुशब्बर गलती से सीमा पार कर भारतीय क्षेत्र में आ गया था।
  • पाकिस्तान के जिला कसूर के गांव कतलोई कलां का बिलाल मार्च 2018 से होशियारपुर के बाल सुधार गृह में बंद था।
  • बिलाल ने बताया कि वह स्कूल जाना चाहता था।
  • लेकिन परिवार की आर्थिक हालत ठीक न होने के कारण पिता उसे स्कूल नहीं भेज रहे थे।
  • एक दिन पिता के डांटने पर वह घर से भाग गया और भटकता हुआ भारतीय क्षेत्र में पहुंच गया।
  • खेमकरण सेक्टर में उसे बीएसएफ के जवानों ने पकड़ लिया था।
  • 25 दिन बाद बिलाल के माता-पिता को पता चला कि बिलाल सीमा पार कर भारत पहुंच गया है।

ननकाना साहिब बना जरिया | Sajid Hyder, Musabbar Bilal

तरनतारन जुबेनाइल कोर्ट ने उसे छह महीने कैद की सजा सुनाई थी। सजा पूरी होने के बाद कोई प्रमाण पत्र न होने के कारण उसे बाल सुधार गृह होशियारपुर भेज दिया गया था। श्री ननकाना साहिब गए लुधियाना के जत्थे में शामिल कुछ युवकों को बिलाल के माता-पिता ने पूरी बात बताई थी। वापस आकर युवकों ने मुद्दा उठाया जिसके बाद उसकी रिहाई हो गई।

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