हाय महंगाई: प्याज, लहसुन के बाद दालों-सरसों के तेल ने बिगाड़ा बजट

Expensiveness

नववर्ष से प्याज के दामों में आई है गिरावट | Expensiveness

अबोहर (सच कहूँ/सुधीर अरोड़ा)। पिछले कुछ समय से बढ़े प्याज लहसुन इत्यादि सब्जियों के दामों के झटके से जनता उबरी नहीं थी कि अब जनवरी माह से दालों, घी, रिफाइंड और सरसों के तेल के दामों में भारी वृद्धि होने से रसोई घर में लगने वाला तड़का बिगड़ने लगा है। हालांकि नववर्ष से प्याज के दामों में गिरावट आई है। आम जनता के लिए खाद्य सामग्रियों की लगातार बढ़ रही कीमतें थमने का नाम नहीं ले रही हैं। दाल, आटा, घी, रिफाइंड और सरसों तेल की कीमत में वृद्धि हो गई है। सभी प्रकार के दालों में अरहर दाल, मूंग दाल, चना दाल, उड़द दाल के भाव अचानक से बढ़ गए है।

ये हैं भाव: खुदरा में सरसों तेल की कीमत 115 रुपये, डालडा घी 105 रुपये प्रति लीटर कीमत हो गई है। दालें मूंग की 120, मसहुर 80, माह 120, बेसन 80 रुपये प्रति किलोग्राम है। वैसे क्षेत्रवार कीमतों में कुछ अंतर हो सकता है। इससे रिटेल कारोबारियों को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। दामों में आई बढ़ोतरी से ग्राहक नाराज हो रहे है। जिस ग्राहक ने कुछ समय पहले 90 रुपये प्रति लीटर सरसों का तेल खरीदा हो, वो अब 115 से 125 रुपये प्रति लीटर खरीद रहा हो तो सवाल उठाएगा ही। इसके चलते बिक्री पर भी असर पड़ा है।

रसोईयों में तेल का प्रयोग घटा | Expensiveness

  • आम घरों की गृहणियों का कहना है कि आम आदमी की जेबों पर सरकार ने तो पहले से डाका डाला हुआ है।
  • आमदनी किसी प्रकार से हो नहीं रही ऊपर से महंगाई की मार ने रसोई घर का बजट बिगाड़ के रख दिया है।
  • पहले महीने में औसतन करीबन तीन लीटर सरसों के तेल की खपत थी।
  • अब एक दम से अधिक दाम बढ़ने से सरसों के तेल को कम इस्तेमाल करना पड़ रहा है
  • सब्जियां हर प्रकार की तेजी में चल रही दालों के भाव ने रसोई घर की महक पर असर पड़ रहा है।

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