कोरोना की दोहरी मार और भारत की अर्थव्यवस्था
विगत दो मार्च को आर्थिक सहयोग एवं वैश्विक संगठन ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि कोरोना के प्रकोप से दुनिया में 2008 की वैश्विक मंदी जैसा दृश्य सामने आ रहा है।
नए सिरे से तय होगी कृषि की भूमिका
अब कृषि विशेषज्ञों को नए सिरे से सोचना होगा। एक और कोरोना जैसे हालातों से निपटने के लिए कृषि उत्पादन बढ़ाना पहली आवश्यकता होगी तो दूसरी और कृषि लागत में कमी लाने और किसानों को उनकी उपज का पूरा मूल्य दिलाने के प्रयास करने होंगे।
प्रेरणास्रोत : एक अंग्रेज ने कहा
एक दिन महात्मा बुद्ध घने जंगल में होकर कहीं जा रहे थे। दूर से अंगुलिमार ने उन्हें देख लिया। वह आनन-फानन में जा पहुँचा, उनके पास आकर बोला, ‘‘साधु, जो कुछ भी तुम्हारे पास हो, उसे निकाल दो अन्यथा तुम्हारी जान की खैर नहीं।’’
असंतोष की सर्दी: नागरिक बनाम धारा 144
एक जीवंत लोकतंत्र नागरिकों के विरोध प्रदर्शन अथवा सभी की राय और सहमति-असहमति का सम्मान करता है। इस बडी राजनीतिक चुनौती के समक्ष सरकार को सभी पक्षों के साथ वार्ता शुरू करनी चाहिए और लोकतंत्र में लोगों के विश्वास को बहाल करने के लिए तालमेल स्थापित करना चाहिए।
Cancer Day: सरकार के पास गरीबी मिटाने की इच्छाशक्ति है?
इसी उद्देश्य से दुनियाभर में लोगों को कैंसर होने के संभावित कारणों के प्रति जागरूक करने, प्राथमिक स्तर पर कैंसर की पहचान करने और इसके शीघ्र निदान तथा रोकथाम के प्रति लोगों में जागरूकता फैलाने के लिए प्रतिवर्ष 4 फरवरी को विश्व कैंसर दिवसष् मनाया जाता है।


























