बुजुर्गों की ‘मनोदशा’ को न होंने दें ‘लॉक’
लॉकडाउन में बुजुर्गों को कभी अकेला न रहने दें। अकेलापन उनके भीतर निराशा और हताशा का भाव पैदा करता है। जिसकी वजह से जीवन में नैराश्यता का भाव पैदा होता है। उम्र दराज लोगों से हमेशा बातचीत करते रहिए। उनके भीतर संवाद शून्यता का भाव पैदा न होने पाए।
21वीं दशक के भारत के पास सभी का जवाब है
भारत चीन को उसी तरह से जवाब दे रहा है जैसा जवाब हमने 2 वर्ष पहले चीन को डोकलाम में दिया था। चीन की हरकतों को भारत हल्के में नहीं ले रहा है, ना ही किसी के उकसावे में आकर काम कर रहा है जिस प्रकार पिछले दिनों नेपाल ने चीन के उकसावे में आकर बयानबाजी कर रहा था अब वह भी ठंडा पड़ गया।
कांग्रेस की ‘खुदकुशी’ कौन रोकेगा?
जब अनुशासन की बागडोर कमजोर होती है, विचार धारा जब स्पष्ट नहीं होती हैं, सक्रियता के राजनीतिक मुददों पर लाभ-हानि का विचार नहीं होता है तब कोई राजनीतिक संगठन कमजोर ही होता है, लगातार पतन की ओर ही जाता है, चुनावों में हार को ही प्राप्त करता है।
प्रेरणास्त्रोत: स्वामी का उपदेश
मुक्ति का अर्थ है संपूर्ण स्वाधीनता शुभ और अशुभ दोनों प्रकार के बंधनों से छुटकारा पा जाना। इसे समझना जरा कठित है।
लोहे की जंजीर भी एक जंजीर है और सोने की जंजीर भी एक जंजीर ही है।


























