मौत बनकर दौड़ी सिस्टम की बिना ब्रेक ट्रेन
कोरोनाकाल में अपने गांव लौट रहे थे। लेकिन बिन बुलाई मौत ने उनको रास्ते में ही घेर लिया। आंखों में नींद थी इसलिए ट्रैक पर ही सो गए, ट्रैक पर सोना मजदूरों की बेबसी थी और मौत की मुनाद। ऐसी मुनाद जिसकी ध्वनि को रेल चालक सुन नहीं सका। वह सरपट मजूदरों पर रेल चलाता हुआ निकल गया। पटरियों पर ही उनकी कब्र खोद गया।
निराशा से गरिमापूर्ण जीवन की ओर
हमें प्रवासी श्रमिकों की वर्तमान निराशाजनक स्थिति को एक गरिमापूर्ण जीवन में बदलना होगा और समेकित विकास के रूप में उन्हें अवसर उपलब्ध कराने होंगे। अन्यथा श्रमिकों की दुर्दशा जारी रहेगी।
चीन के एफडीआई पर भारत का हमला
केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के नवीनतम अधिसूचना के अनुसार भारत की भूमि से संबद्ध देशों के नागरिकों या इन देशों में स्थापित कंपनियों या इन देशों के नागरिकों के स्वामित्व वाली कंपनियों को भारत में किसी भी क्षेत्र में निवेश करने के लिए सरकार की अनुमति लेनी होगी।