जनसंख्या वृद्धि ने रोकी विकास की रफ्तार
बाल मुकुन्द ओझा
बढ़ती जनसंख्या के खतरों से जन साधारण को आगाह करते हुए लोगों में जागरूकता लाने के उद्देश्य से हर साल 11 जुलाई को विश्व जनसंख्या दिवस मनाया जाता है। आज विश्व की जनसंख्या सात अरब 63 करोड़ से ज्यादा है। अकेले भारत की जनसंख्या लगभग 1 अरब 3...
विशेष: अल्पसंख्यकों के अधिकारों की सुरक्षा
विश्वभर में अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा करने व उनके योगदान को राष्ट्र निर्माण में सुनिश्चित करने के लिए प्रत्येक वर्ष 18 दिसंबर को अंतरराष्ट्रीय अल्पसंख्यक अधिकार दिवस मनाया जाता है। संयुक्त राष्ट्र संघ ने 1992 में इस दिवस को मनाने की शुरूआत की...
नशे की लत में बर्बाद होती युवा पीढी
भारत जनांकिक परिवर्तन के दौर से गुजर रहा है, जिसके कारण 29 वर्ष की औसत आयु के साथ भारत विश्व का सबसे युवा आबादी वाला देश बन गया है। एक ओर जहां विश्व की सबसे युवा आबादी वाला देश होना हमारे लिए गर्व की बात है तो वहीं दूसरी ओर अधिसंख्यक युवा आबादी के एक...
जन-जन समझे आयुर्वेद की महत्ता Importance of Ayurveda in Hindi
भारत सरकार ने धनवंतरी जयंती (28 अक्तूबर) को राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस के रूप में मनाने का फैसला लिया है, जोकि एक सराहनीय कदम है। धनवंतरी आयुर्वेद (Ayurveda) के प्रवर्तक थे। उन्होंने ब्रह्मा जी के द्वारा अवतरित आयुर्वेद के ज्ञान को इंद्र देवता से प्राप्...
स्वास्थ्य के लिए वरदान है योगासन
योग हजारों साल से भारतीयों की जीवन-शैली का हिस्सा रहा है। ये भारत की धरोहर है। योग में पूरी मानव जाति को एकजुट करने की शक्ति है। यह ज्ञान, कर्म और भक्ति का आदर्श मिश्रण है। दुनिया भर के अनगिनत लोगों ने योग को अपने जीवन का अभिन्न अंग बनाया है। योग और ...
मूल्य आधारित हो पुलिस प्रशिक्षण
पुलिस व्यवस्था और पुलिस प्रशिक्षण में गुणात्मक बदलाव लाए जाने की आवश्यकता है। ये विचार हाल ही में सरदार वल्लभभाई पटेल राष्ट्रीय पुलिस अकादमी हैदराबाद में आयोजित पुलिस महानिदेशकों के वार्षिक सम्मेलन में स्वयं प्रधानमंत्री मोदी ने व्यक्त किए। स्मार्ट प...
जिन्दगी छीनता बाल विवाह
विडंबना है कि आजादी के सात दशक से अधिक का समय बीत जाने के बाद भी हमारे देश में बाल विवाह जैसी कुप्रथा का अंत नहीं हो पाया है। हाल ही में आई एनसीपीसीआर और राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की एक रिपोर्ट में यह खुलासा किया गया है। रिपोर्ट के अनुसार देश में पिछ...
प्यार और सम्मान के हकदार हैं बुजुर्ग
बुजुर्गों के प्रति बढ़ते दुर्व्यवहार व अन्याय के प्रति लोगों को जागरुक करने के उद्देश्य से प्रतिवर्ष 1 अक्टूबर को अंतर्राष्ट्रीय वृद्ध दिवस का आयोजन किया जाता है। 14 दिसंबर 1990 को संयुक्त राष्ट्र संघ ने यह निर्णय लिया था कि प्रतिवर्ष 1 अक्टूबर को बुज...
डरावने है वायु प्रदूषण से होने वाली मौतों के आंकड़े
सियासी राजनीति के शोर में देश में वायु प्रदूषण से होने वाली मौतों के आंकड़े न केवल चिंताजनक अपितु बेहद डरावने हैं। एक ही साल में 12 लाख से अधिक मौतें चौंकाने वाली है। इसका साफ मतलब है देशवासी वायु प्रदूषण के जानलेवा खतरे से अभी तक सावचेत नहीं हुए है। ...
‘शहीद उधम सिंह’ एक क्रांतिकारी योद्धा
शहीद उधम सिंह का साहस, देशभक्ति की भावना, शहादत व मानवता हर किसी को प्रेरणा देती है। 13 अप्रैल, 1919 को अमृतसर में जलियांवाला बाग के नृशंस हत्याकांड की टीस उन्होंने वर्षों तक सही। इस घटना के 21 साल बाद साम्राज्यवादी देश ब्रिटेन की राजधानी लंदन में रॉ...
बुराई रूपी रावण का अंत जरूरी
दशहरा बुराइयों से संघर्ष का प्रतीक पर्व है, आज भी अंधेरों से संघर्ष करने के लिये इस प्रेरक एवं प्रेरणादायी पर्व की संस्कृति को जीवंत बनाने की जरूरत है। प्रश्न है कौन इस संस्कृति को सुरक्षा दे? कौन आदर्शो के अभ्युदय की अगवानी करे? कौन जीवन-मूल्यों की ...
नेताओं के लिए शैक्षणिक योग्यता तय करने में हर्ज क्या?
चुनावी दौर में जन प्रतिनिधियों की डिग्री पर फिर सवाल उठाए जाने लगे है। अल्प शिक्षित उम्मीदवारों पर तंज कसे जा रहे है।हालांकि नेता बनने के लिए कोई डिग्री तय नहीं है लेकिन जब देश को आधुनिक और पूर्ण शिक्षित राष्ट्र बनाने की पहल हो रही है तो फिर राज नेता...
अनियंत्रित जनसंख्या वृद्धि आपातकाल जैसे हालात
जनसंख्या विस्फोट से संसाधनों की अपर्याप्तता के कारण उत्पन्न हुई
जब भी देश में जनसंख्या नियंत्रण के मुद्दे पर वैचारिक विमर्श प्रारंभ होता है, तो कुछ लोगों की प्रतिक्रिया इस प्रकार होती है जैसे कि उनका हक छीना जा रहा हो। कुछ लोग इतने असहिष्णु हो जाते ...
विद्यालयी शिक्षा में सुधार की आवश्यकता
हाल ही में शिक्षा की निगरानी के बारे में यूनेस्को द्वारा जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि 2.8 मिलियन बच्चे स्कूल नहीं जाते हैं। 11 मिलियन बच्चे माध्यमिक स्तर से शिक्षा छोड़ देते हैं और 47 मिलियन बच्चे उच्च माध्यमिक स्तर से विद्यालय छोड़ देते हैं। सच यह ह...
वीरगाथाओं के गर्व का एहसास कराता है राजस्थान दिवस
इंग्लैण्ड के विख्यात कवि किप्लिंग का मानना था कि दुनिया में यदि कोई ऐसा स्थान है, जहां वीरों की हड्डियां मार्ग की धूल बनी हैं तो वह राजस्थान है। यह हमारे इतिहास की सच्चाई है। देश के लिए सर्वस्व न्योछावर करने की परम्परा आज भी राजस्थान में कायम है। 30 ...