परिवार नियोजन पर बल देने की आवश्यकता
भारत में जनसंख्या दबाव के कारण अनेक समस्याएं उत्पन्न हो गयी हैं, जिसके चलते सरकर को पुन: परिवार नियोजन पर विचार करना पड़ रहा है। पश्चिमी देशों ने जनसंख्या वृद्धि पर नियंत्रण लगा दिया है। इसी तरह भारत को भी इस दिशा में कदम उठाने होंगे। जनसंख्या वृद्धि ...
भारत में परिवार कल्याण कार्यक्रमों का बंटाधार
हमारे देश में 1960 के दशक के शुरू में एक आधिकारिक परिवार नियोजन कार्यक्रम लागू किया था। विश्व में ऐसा करने वाला भारत पहला देश था। मगर सरकार के लाख प्रयासों और देश के बजट का एक बड़ा भाग खर्च करने के बावजूद इस क्षेत्र में वांछित परिणाम हासिल नहीं किये ज...
खतरनाक है धूम्रपान की प्रवृत्ति
इस वैधानिक चेतावनी के बावजूद कि धूम्रपान अथवा तंबाकू सेवन स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है, विश्व में तंबाकू पीने व सेवन करने वालों की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार दुनिया में हर वर्ष तकरीबन 6...
बच्चा स्कूल जाता है या जेल
हर माता-पिता का सपना होता है कि उनका बच्चा जिंदगी में कुछ ऐसा करें जिससे समाज में उसकी अलग पहचान बने और वह धरातलीय सच्चाई को समझे। कई माता-पिता पढ़ाई को लेकर गलत धारणा पाल लेते हैं। उन्हें लगता है कि किताबी ज्ञान ही सब कुछ है और वो बच्चों को दिनभर कित...
जनमत निर्माण का कार्य जनसंपर्क का है
जनसम्पर्क शब्द को लेकर देश में अनेक भ्रांतिया उत्पन्न हो रही है। लोग इस शब्द की व्याख्या अपने अपने तरीके से कर रहे है। कुछ लोग इसे अपने व्यवसाय से जोड़ कर देखते है तो कुछ छवि निर्माण के लिए। पुराने समय में राजाओं के चारण भाट भी कुशलता पूर्वक यह कार्य ...
साहिर लुधियानवी: गीतों का जादूगर
साहिर के मायने जादूगर होता है। शायर-नग्मानिगार साहिर लुधियानवी वाकई एक जादूगर थे, जिनकी गजलें-नज्में और नग्में उनके लाखों चाहने वालों के दिलों-दिमाग पर एक जादू जगाते थे। वे जब मुशायरे में अपना कलाम पढ़ने के लिए खड़े होते, तो उनकी शायरी पर लोग झूम उठते।...
बच्चों का सबसे बड़ा दुश्मन बाल श्रम
बाल श्रम से हमारा तात्पर्य ऐसे कार्यों से है, जिसमें काम करने वाला व्यक्ति कानून द्वारा निर्धारित उम्र से छोटा होता है और इस प्रथा को अनेक देशों और अंतरास्ट्रीय संगठनों ने शोषित करने वाली माना है। अंतरास्ट्रीय श्रम संगठन ने जागरूकता पैदा करने के लिए ...
समानता के सच्चे पैरोकार थे डॉ. अंबेडकर
धार्मिक समुदायों के लिए पृथक निर्वाचिका और आरक्षण की मांग की।
डॉ. अंबेडकर (Dr. Bhim Rao Ambedkar) समानता के सच्चे पैरोकार थे। हालांकि उन्हें जब भारत सरकार अधिनियम 1919 तैयार कर रही साउथबोरोह समिति के समक्ष गवाही देने के लिए आमंत्रित किया गया तो उन्ह...
साहूकारों से लिए कर्ज को कैसे चुकाए किसान
सरकार किसानों का अरबों रुपए का ऋण माफ करने की तैयारी कर रही है किन्तु जो किसान वास्तव में ऋणगस्त हैं उन्हें इससे कोई राहत नहीं मिलेगी, क्योंकि उन्होंने साहूकारों से ऋण लिया है, जो सरकार द्वारा की गई कर्जमाफी के दायरे में नहीं आता है। वास्तव में भारत ...
बाढ़: प्राकृतिक आपदा में आदमी
देश के ज्यादातर क्षेत्र में मानसून ने जोरदार दस्तक दे दी है, लेकिन कई इलाके बाढ़ में डूबने की त्रासदी झेल रहे हैं। इस कारण ऊंचे इलाकों में तो हरियाली दिख रही है, किंतु निचले क्षेत्रों में फसले चौपट हो गई हैं। असम के करीमगंज जिले में सुप्राकांधी गांव न...
विश्व का सबसे महंगा टूनार्मेंट है फीफा वर्ल्ड कप
भले ही भारत सहित दुनियाभर के अनेक देशों में खेल प्रेमियों और यहां तक कि छोटे-छोटे बच्चों तक पर क्रिकेट की खुमारी छाई नजर आती है किन्तु आपको जानकर आश्चर्य होगा कि फुटबाल न केवल दुनिया का सबसे लोकप्रिय खेल है बल्कि इसमें पैसा भी क्रिकेट के मुकाबले कई ग...
‘रमन प्रभाव’ की खोज के स्मरण का दिन
28 फरवरी 1928 को चन्द्रशेखर वेंकेट रमन ने लोक सम्मुख अपनी विश्व प्रसिद्ध खोज ‘रमन प्रभाव’ की घोषणा की थी। ‘रमन प्रभाव’ के लिए ही 1930 में सीवी रमन को नोबेल पुरस्कार मिला था। राष्ट्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद् एवं विज्ञान मंत्रालय द्वारा रमन की...
शिक्षा तंत्र में बदलाव की जरूरत
वर्तमान समय की शिक्षा व्यवस्था को देखकर महसूस होता हैं कि नीचे से लेकर ऊपर तक पूरे शिक्षा तंत्र को बदलने की जरूरत है। हम उपाधियां बांट रहे है मगर रोजगार नहीं है। गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा का अभाव है। लंबे समय से नई शिक्षा नीति की जरुरत महसूस की जाती रही ...
पर्यावरण अनुकूल दिवाली मनाने का लें संकल्प
पर्व-त्योहारों का हिन्दू दैनंदिनी में समय-समय पर दस्तक देना भारतीय समाज की प्रमुख विशेषता रही है। इन पर्व-त्योहारों में निहित संदेशों से इसकी महत्ता स्पष्ट होती है। पर्व-त्योहार, न सिर्फ व्यक्ति के जीवन में व्याप्त नीरसता को खत्म करते हैं, बल्कि परिव...
शिक्षा का अर्थ केवल किताबी ज्ञान से नहीं है
बच्चे का सबसे पहला विद्यालय उसका घर और सबसे पहले गुरु उसके माता-पिता होते हैं। बच्चा प्रारम्भ में अपने माता-पिता से ही सारी क्रियाएं सीखता है और अपना ज्ञान अर्जित करता है। माता-पिता न सिर्फ बच्चों को अच्छी शिक्षा देते हैं बल्कि सही-गलत की पहचान कराते...