अब जल संरक्षण हमारी पहली प्राथमिकता में रहे
देशभर में स्वच्छ और सुलभ जल की स्थिति सोचनीय है। अनियमित और असमान वर्षा भी देश के कई हिस्सों में जलसंकट बढ़ाने का कारण बन रही है। वैसे भी जिस तरह से हमारे देश में खेती-बागवानी अधिकांश रूप से या कहें कि पूर्ण रूप से मानसून पर ही निर्भर है तो कोई अतिशयो...
साक्षरता की दिशा में कदम बढ़ाये सरकार
किसी भी देश के साक्षरता प्रतिशत का अच्छा होना उस देश के विकास और सम्पन्नता की स्थिति को प्रदर्शित करता है। साक्षरता का अर्थ पढ़ने लिखने की योग्यता से है जबकि अक्षरों का ज्ञान न होना निरक्षता कहलाता है। पुराना समय साधारण और सरल था। तब न तो जीवन इतना गत...
डेंगू बुखार का फैलाव रोकें आप भी
इन दिनों डेंगू का डंक कई जानें ले चुका है। राजधानी दिल्ली सहित कई अन्य स्थानों पर सैकड़ों जानें डेंगू की वजह से जा चुकी हैं और हजारों लोग डेंगू की बीमारी से पीड़ित हैं। मरने वालों में बच्चे, जवान आदि सभी शामिल हैं।
मच्छर सभी स्थानों पर पाये जाते हैं। ...
कविता एवं राजनीति की मुखर साधिका सरोजिनी नायडू
भारत भूमि कर्म की पुण्य धरा है। यह साहित्य, शिक्षा, संस्कृति, संगीत, कला, ज्ञान-विज्ञान की जननी है और पोषक भी। यहां जीवन के विविध क्षेत्रों में जहां पुरुषों ने विश्व-गगन में अपनी सामर्थ्य की गौरव पताका फहराई है तो महिलाओं ने भी सफलता के शिखर पर अपने ...
कन्या भ्रूण हत्या-समाज का अभिशाप
मां के गर्भ में पल रही कन्या की जब हत्या की जाती है तब वह बचने के कितने जतन करती होगी, यह माँ से अच्छी तरह कोई नही जानता। नन्हा जीव जो माँ के गर्भ में पल रहा है, जिसकी हत्या की जा रही है, उनमें कोई कल्पना चावला, पी टी उषा, लता मंगेशकर तो कोई मदर टेरे...
प्रकाश प्रदूषण की अनदेखी पर्यावरण के लिए घातक
हम में से अधिकांश लोग पर्यावरण प्रदूषण के मूल कारकों वायु,जल, ध्वनि आदि से परिचित हैं। लेकिन क्या कृत्रिम प्रकाश के अत्यधिक और अनावश्यक प्रयोग से पैदा होने वाले लाइट पॉल्यूशन आपकी नजर में हैं।शायद नहीं।अधिकांश लोगों को न प्रकाश प्रदूषण की जानकारी है ...
अमीरों-गरीबों के बीच बढ़ती खाई को पाटना होगा
हाल ही में आॅक्सफेम और डेवलपमेंट फाइनेंस इंटरनेशनल द्वारा जारी असमानता घटाने के प्रतिबद्धता सूचकांक में 157 देशों की सूची में भारत को 147वें पायदान पर रखा गया है। इसमें रैंकिंग के अलग अलग पैमाने हंै। इससे स्पष्ट होता है देश में अमीर और गरीब के बीच अस...
किसे सुनाएं बेजुबान पक्षी व जानवर अपनी व्यथा
मानव की प्रकृति में दखल देने की आदत ने प्राकृतिक संतुलन को बिगाड़ दिया है। बिगड़े संतुलन के चलते वातावरण में अनचाहे परिवर्तन देखने को मिल रहे हैं। बिना मौसम के आंधी, वर्षा का आना रोजमर्रा की जिंदगी में शामिल हो गया है। ऊपर से विकास के नाम पर लाखों पेड़ो...
पत्रकारिता का गिरता स्वरूप
विश्व के सबसे बडे लोकतांत्रिक देश हिन्दुस्तान के चार स्तंभों में से एक मीडिया को माना गया है। जनता और सरकार के बीच की कड़ी के रूप में कार्य करने वाली मीडिया अब अपने पथ से विमुख होती जा रही है। आम जनता के लिए बेहद ही भरोसे का यह स्तंभ आज चापलूसी एवं अर...
बाल श्रमिक : समस्याएं एवं कानून
बाल श्रमिक समस्या भारत की नहीं विश्वभर की समस्या है। एक अनुमान के अनुसार विश्व में संभवत: 20 करोड़ बाल श्रमिक है। नेशनल सेंपल सर्वे के अनुसार भारत में 2 करोड़ बाल श्रमिक हैं जिसमें से 83 प्रतिशत कृषि क्षेत्र में हैं। 40 लाख श्रमिक जोखिम भरे उद्योगों मे...
बच्चों का सबसे बड़ा दुश्मन बाल श्रम
बाल मजदूरी के प्रति विरोध एवं जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से हर साल 12 जून को बाल श्रम निषेध दिवस मनाया जाता है। अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन ने समाज में जागरूकता पैदा करने के लिए 2002 में विश्व बाल श्रम विरोधी दिवस के रूप में मनाने की शुरूआत की। बाल श्...
सबसे बड़ा खतरा है प्लास्टिक प्रदूषण
प्रति वर्ष दुनिया में 100 से ज्यादा देशों के लोगों द्वारा 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है। इसकी शुरूआत 1972 में 5 जून से 16 जून तक संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा आयोजित विश्व पर्यावरण सम्मेलन से हुई। 5 जून 1973 को पहला विश्व पर्यावरण दिवस म...
गरीबी का संबोधन मिटे
गरीबी केवल भारत की ही नहीं, बल्कि दुनिया की एक बड़ी समस्या है, एक अभिशाप है। दुनियाभर में फैली गरीबी के निराकरण के लिए ही संयुक्त राष्ट्र में साल 1992 में हर साल 17 अक्टूबर को गरीबी उन्मूलन दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की गई। सभी देशों में गरीबी और ...
मराठा आरक्षण का रास्ता साफ
महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण का रास्ता लगभग साफ हो गया है। महाराष्ट्र की देवेंद्र फडणवीस कैबिनेट ने मराठा आरक्षण को मंजूरी दे दी है। अभी ये तय नहीं हुआ है कि मराठाओं को सामाजिक और आर्थिक पिछड़े समाज के तौर पर कितने प्रतिशत आरक्षण दिया जाएगा। पिछले दिनो...
असत्य पर सत्य की विजय का पर्व
हमारी भारतीय संस्कृति अनेकों त्योहारों, मेलों, उत्सवों व पर्वों से गुंथी हुई है। यहां मनाये जाने वाले प्रत्येक अनुष्ठान के पीछे प्रेम, एकता, भाईचारा व समरसता का संदेश छिपा है। इन्हीं पर्वों में से एक पर्व विजयादशमी यानी दशहरा है। अश्विन मास की शुक्ल ...