दिल्ली में ‘आप’ की सफलता के निहितार्थ
पूरी चुनावी प्रक्रिया के दौरान ‘आप’ का मुख्य फोकस अपने विकास कार्यों पर रहा, जबकि मुख्य प्रतिद्वंद्वी भाजपा द्वारा आम जन-सरोकारों से जुड़े मुद्दों को दरकिनार कर पूरे चुनाव को शाहीन बाग, एनआरसी, धारा 370, तीन तलाक, राममंदिर, पाकिस्तान जैसे मुद्दों से जोड़ने का प्रयास किया गया.


























