जिन्दगी क्यों भार स्वरूप लगने लगती है?
कितनी ही बार बड़े काम आसानी से हो जाते हैं, पर छोटी चीजें देर तक अटकाए रहती हैं।
बड़ी मुसीबतें और दुख झेल लिए जाते हैं, छोटे-छोटे दुखों से उबरना कठिन हो जाता है। दरअसल शुरू में हमें छोटे कामों की अहमियत ही नहीं पता चलती।


























