असंतोष की सर्दी: नागरिक बनाम धारा 144
एक जीवंत लोकतंत्र नागरिकों के विरोध प्रदर्शन अथवा सभी की राय और सहमति-असहमति का सम्मान करता है। इस बडी राजनीतिक चुनौती के समक्ष सरकार को सभी पक्षों के साथ वार्ता शुरू करनी चाहिए और लोकतंत्र में लोगों के विश्वास को बहाल करने के लिए तालमेल स्थापित करना चाहिए।
लोकतंत्र लोक-सुख का है या लोक-दु:ख का?
यह शासन की असफलता का द्योतक हैं।
डॉक्टर, सीए, वकील, एमबीए, ऐसी न जाने कितनी उच्च डिग्रीधारी युवा पेट भरने के लिये
मजदूरी या ऐसे ही छोटे-मोटे कामों के लिये विवश हो रहे हैं


























