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Wednesday, April 30, 2025
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    Question of goodwill

    साख का सवाल

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    किसी भी कंपनी की सफलता ग्राहकों के विश्वास के दम पर होती है। मैं इस साख को नहीं गिरने दूंगा, चाहे मुझे कितना भी बड़ा नुकसान क्यों न उठाना पड़े।
    Among fetters

    बेड़ियों के बीच

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    लुहार ने सोचा कि जब वह अपनी कुशलता और मेहनत से मजबूत बेड़ी बना सकता है तो वह उसी कुशलता और मेहनत का प्रयोग कर उस बेड़ी से अपने हाथों को मुक्त भी कर सकता है। उसने कुएं में अपना सारा अनुभव, शक्ति और बुद्धि उस बेड़ी को खोलने में लगा दी।
    Teacher a role model

    अध्यापक का आदर्श

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    प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी सूर्यसेन की नियुक्ति बंगाल के एक विद्यालय में हुई थी। वह बेहद स्वाभिमानी और आदशर्वादी थे। शिक्षक के रूप में उन्होंने छात्रों के दिल में एक जगह बना ली थी।
    George Washington

    जॉर्ज वाशिंगटन

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    अमेरिका के प्रथम राष्ट्रपति जॉर्ज वाशिंगटन समय के बड़े पाबंद थे। उनका हर काम वक्त पर होता था। वह निर्धारित समय पर उठते थे। नियत समय पर नाश्ता करते और तय समय पर अपने काम में लग जाते थे।
    Lake moon

    झील का चांद

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    तुम्हारा मन इस झील की तरह है। तम्हारे पास ज्ञान तो है लेकिन तुम उसका प्रयोग करने के बजाय सिर्फ उसे अपने मन में लेकर बैठे हो, ठीक उसी तरह जैसे झील असली चांद का प्रतिबिंब लेकर बैठी है।
    The way to work

    काम करने का तरीका

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    मजदूर यह सुनकर हैरानी से युवक को देखते हुए बोला,'तुम अगर ऐसा कर सकते हो तो बहुत अच्छी बात है। मैं उस तरकीब को अवश्य सीखना चाहूंगा।
    Dont waste food

    भोजन बर्बाद न करें

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    'आप उतना ही खाना ऑर्डर करें, जितना खा सकें। माना कि पैसा आपका है परंतु देश के संसाधनों पर हक तो पूरे समाज का है! और कोई भी इन्हें बर्बाद नहीं कर सकता, क्योंकि देश में कितने ही लोग ऐसे हैं जो भूखे रह जाते हैं।'
    Value of life

    जीवन की कीमत

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    यदि कोई व्यक्ति मौत को अपने करीब से देख ले तो वह हर हाल में खुश रह सकता है। जीवन के हर पल को नेकी, ईमानदारी और जिंदादिली से जीना शुरू करें । जीवन के महत्व को समझे ।
    Future concern

    भविष्य की चिंता

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    ऐसा क्यों नहीं सोचते कि समयानुसार यदि समस्याएं आएंगी, तो उनका हल भी निकालते रहेंगे।' सेठ को अपनी भूल समझ में आ गई।
    Good and bad

    अच्छा और बुरा

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    आचार्य द्रोण बोले-'जो व्यक्ति जैसा होता है, उसे सारे लोग वैसे ही दिखाई पड़ते हैं। इसलिए दुर्योधन को कोई अच्छा व्यक्ति नहीं दिखा और युधिष्ठिर को कोई बुरा आदमी नहीं मिल सका।

    ताजा खबर

    Mumbai

    भारतीय सिनेमा के जनक दादा साहब फाल्के

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    मुंबई (एजेंसी)। वर्ष 1910...