हमसे जुड़े

Follow us

18.1 C
Chandigarh
Tuesday, November 4, 2025
More
    Lake moon

    झील का चांद

    0
    तुम्हारा मन इस झील की तरह है। तम्हारे पास ज्ञान तो है लेकिन तुम उसका प्रयोग करने के बजाय सिर्फ उसे अपने मन में लेकर बैठे हो, ठीक उसी तरह जैसे झील असली चांद का प्रतिबिंब लेकर बैठी है।
    The way to work

    काम करने का तरीका

    0
    मजदूर यह सुनकर हैरानी से युवक को देखते हुए बोला,'तुम अगर ऐसा कर सकते हो तो बहुत अच्छी बात है। मैं उस तरकीब को अवश्य सीखना चाहूंगा।
    Dont waste food

    भोजन बर्बाद न करें

    0
    'आप उतना ही खाना ऑर्डर करें, जितना खा सकें। माना कि पैसा आपका है परंतु देश के संसाधनों पर हक तो पूरे समाज का है! और कोई भी इन्हें बर्बाद नहीं कर सकता, क्योंकि देश में कितने ही लोग ऐसे हैं जो भूखे रह जाते हैं।'
    Value of life

    जीवन की कीमत

    0
    यदि कोई व्यक्ति मौत को अपने करीब से देख ले तो वह हर हाल में खुश रह सकता है। जीवन के हर पल को नेकी, ईमानदारी और जिंदादिली से जीना शुरू करें । जीवन के महत्व को समझे ।
    Future concern

    भविष्य की चिंता

    0
    ऐसा क्यों नहीं सोचते कि समयानुसार यदि समस्याएं आएंगी, तो उनका हल भी निकालते रहेंगे।' सेठ को अपनी भूल समझ में आ गई।
    Good and bad

    अच्छा और बुरा

    0
    आचार्य द्रोण बोले-'जो व्यक्ति जैसा होता है, उसे सारे लोग वैसे ही दिखाई पड़ते हैं। इसलिए दुर्योधन को कोई अच्छा व्यक्ति नहीं दिखा और युधिष्ठिर को कोई बुरा आदमी नहीं मिल सका।
    Pride of india

    भारत का स्वाभिमान

    0
    राजा राममोहन राय बोले- यह भारत के स्वाभिमान का मुद्दा है। अगर अभी इस भेदभाव का विरोध नहीं किया गया तो यह समस्या बढ़ती ही जाएगी। अंग्रेजों द्वारा किए जा रहे बुरे बर्ताव के खिलाफ कानून बनवाने की ठान ली और बाद में अपने अथक प्रयासों से ऐसा कानून बनवाने में सफल भी हुए।
    Honor of national anthem

    राष्ट्रगान का सम्मान

    0
    सेठ के दिमाग ने तेजी से काम किया और उसने ग्रामोफोन पर जापान के राष्ट्र गान का रिकॉर्ड लगा दिया। चोर ने जब अपने देश के राष्ट्र गान की धुन सुनी तो वह फौरन सावधान की मुद्रा में खड़ा हो गया।चोर को उस मुद्रा में देख कर सेठ ने चोर के हाथ-पांव बांध दिए और पुलिस को फोन कर दिया।
    Happiness in life

    जीवन में खुशी

    0
    मनुष्य का जीवन भी एक प्रतिध्वनि की तरह है। आप चाहते हैं कि लोग आपसे प्रेम करें तो आप भी दूसरों से प्रेम करें। जिससे भी मिलें, मुस्कुराकर प्रेम से मिलें।
    Preaching time

    उपदेश का समय

    0
    स्वामी विवेकानंद जी क्षण-भर तो चुप रहे, फिर बड़े गंभीर स्वर में बोले-'देखो भाई, जब तक मेरे देश में एक भी छोटा बच्चा कहीं भूखा है, तब तक उसे खिलाना ही हमारा सच्चा धर्म है। इसके अलावा जो कुछ भी है, वह झूठा धर्म और ज्ञान है।

    ताजा खबर