कोरोना की मार से परेशान अन्नदाता को मदद चाहिए
कोरोना ने तो सबसे ज्यादा अन्नदाताओं की उम्मीदों और भविष्य पर प्रश्नचिन्ह खड़ा कर दिया है। मजदूर कृषि क्षेत्र से गायब है। मजदूर पलायन कर गये हैं। प्रवासी मजदूर ही गेहूं की कटाई और गेहू बीज निकालने का कार्य्र करते हैं। कोरोना के कारण कृषि मजदूर अपने-अपने घरों में लौट गये।
परमात्मा की मर्जी
परमात्मा ने शरीर दिया है, बुद्धि दी है जिससे कि नेक कार्य कर दूसरों का हित किराया जाए।
मजदूरों के किराये पर राजनीति, तंग सोच
पिछले 40 दिन से प्रवासी मजदूर सरकार से उन्हें घर पहुंचाने की गुहार लगा रहे थे, तभी यह साफ हो जाना चाहिए था कि मजदूरों को बिना किराये घर तक भेजा जाएगा व किराया सरकार की और से कब, कैसे, कौन वहन करेगा ये केन्द्र व राज्य अपने स्तर पर निपटा लेते । जबकि मजदूरों का भाड़ा चुकाने के नाम पर पूरे देश में पूरी राजनीतिक कलाबाजियां हो रही हैं।
अमेरिका: अदालती कार्रवाई और चीन
वादियों का दावा है कि चीनी प्रशासन की जैविक हथियार तैयार करने की कोशिशों के चलते यह वायरस फैला जिसके कारण उनके राज्य को जन और धन की भारी हानि हुई है, इसलिए क्षतिपूर्ति के रूप में उन्होंने 20 ट्रिलियन डॉलर का हर्जाना दिया जाना चाहिए।
लॉकडाउन में ढील से बढ़ी आम नागरिकों की जिम्मेवारी
लोगों को अब लॉकडाउन से ज्यादा एहतियात रखनी होगी। बेमतलब भीड़ में ना जाएं। सोशल डिस्टेंसिंग रखें, मास्क पहनें, हाथ धोते रहें, चेहरा न छूएं कोरोना लक्ष्ण दिखें तो स्वयं व परिवार को क्वारंटाईन करें। खुद स्वस्थ रहें देश को स्वस्थ रखें।
कोरोना के साथ जीना सीखो
सरकार को अर्थव्यवस्था को बचाने के लिए आर्थिक टीका लगाना पड़ेगा। अर्थव्यवस्था को धीरे-धीरे खोलना और नई स्थिति के साथ समायोजन करना वक्त की मांग है।
बेकार की लड़ाई
युद्ध से शांतिप्रियता अधिक अच्छी है। इस लिए व्यक्ति को शांति और सुखपूर्वक जीवन जीने में विश्वास करना चाहिए।'
आतंक का एकमात्र हल पाक अधिकृत कश्मीर की वापसी
कश्मीर में अलवादी राजनीति करने वालों के स्वार्थों के चलते कश्मीर विकास में पिछड़ा रहा नतीजा कश्मीर में केन्द्र वह नहीं कर सका जो संभव था। परन्तु अब केन्द्र सरकार का सीधा नियंत्रण कश्मीर में है।अत: विकास एवं सुरक्षा के लिहाज से कश्मीर को विश्व के सामने एक मॉडल बनाया जाना चाहिए ताकि पाक अधिकृत कश्मीर के लोग स्वत: ही दिल्ली के नियंत्रण में होने की लड़ाई लड़ें।
विश्व अर्थव्यवस्था का भारत को लाभ उठाना होगा
भारतीय उद्यमियों को चीन से बाहर आ रही कंपनियों से निवेश आकर्षित करने के लिए जीतोड़ मेहनत करनी होगी। प्रधानमंत्री मोदी ने भी इस अवसर का लाभ उठाने और कोरोना के बाद बहुराष्ट्रीय आपूर्ति श्रृंखला का केन्द्र बनने का आह्वान किया है।
















