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Monday, November 17, 2025
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    Inspiration Determination

    प्रेरणास्त्रोत: दृढ़ निश्चय

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    जब वह विद्यार्थी अपने निश्चय से टस से मस न हुआ तब गोरे हेडमास्टर साहब बोले, ‘यह विद्यार्थी किसी दिन बड़ी से बड़ी शक्ति को हिला देगा।
    Pabji's havoc and careless guardian

    पब्जी का कहर और लापरवाह अभिभावक

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    पंजाब में एक सप्ताह में दो बच्चों की पब्जी गेम से मौत दर्दनाक व चिंतनीय विषय है। चिंता इस बात की है कि यह गेम धीमा जहर है, इस मामले में न तो समाज और न ही सरकारें कोई नोटिस ले रही हैं। कंपनियां और गेम्स खेलने वाले लोग पर्दे के पीछे रहकर अपने कारोबार के लिए बच्चों को खतरनाक मनोरंजन परोस रहे हैं।
    Reason to doubt WHO

    डब्ल्यूएचओ पर संदेह का कारण

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    डब्ल्यूएचओ निदेशक गेब्रेयसस जिन तौर-तरीकों से इस वैश्विक संगठन का संचालन किया है, उन्हें किसी भी रूप में उचित नहीं कहा जा सकता है। सार्वजनिक स्वास्थ्य मसलों और अपने आपदा नियंत्रण अनुभवों के लिए विश्व स्तर पर पहचान रखने वाले ग्रेब्रेयसस उसी वक्त सतर्क क्यों नहीं हो गए थे जब 7 जनवरी को चीन ने कोरोना वायरस के फैलने की सूचना उन्हें दी थी।
    Inspiration Writer's Wife

    प्रेरणास्त्रोत: लेखक की पत्नी

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    'भामती' की रचना के पीछे एक त्याग भरी कहानी है। 'भामती' वाचस्पति पंडित के संपूर्ण जीवन की साधना है। उन्होंने इसकी रचना में लगभग अपना पूरा जीवन लगा दिया।
    Growing incredulity towards China

    चीन के प्रति बढ़ती अविश्वसनीयता

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    हाल ही में जारी रिपोर्ट से अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प का दावा भी सच साबित हुआ है, जिसमें उन्होंने कहा था कि चीन कोविड-19 की वास्तविक्ता को छुपा रहा है और इसकी जानकारी भी देरी से दी है। केवल अमरीका ही नहीं बल्कि अन्य देशों में भी यह धारणा बन रही थी कि चीन अपने मृतकों की गिनती सही नहीं बता रहा।
    Do not let the 'mood' of the elderly be lock

    बुजुर्गों की ‘मनोदशा’ को न होंने दें ‘लॉक’

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    लॉकडाउन में बुजुर्गों को कभी अकेला न रहने दें। अकेलापन उनके भीतर निराशा और हताशा का भाव पैदा करता है। जिसकी वजह से जीवन में नैराश्यता का भाव पैदा होता है। उम्र दराज लोगों से हमेशा बातचीत करते रहिए। उनके भीतर संवाद शून्यता का भाव पैदा न होने पाए।
    What will happen after lockdown?

    लॉकडाउन के बाद क्या होगा?

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    कभी किसी धार्मिक स्थान के लोग इसका कारण बनते हैं, कभी देश में ईधर से उधर हिल-जुलकर रहे प्रवासी मजदूर। अब तो अखबार बांटने वाले हॉकर एवं फूड सप्लाई ब्वॉय भी कोरोना को अंजाने में मदद कर रहे हैं। अत: कोरोना के विरुद्ध रैण्डम जांच व बड़े पैमाने पर जांच बेहद जरूरी हो गई है।
    Article

    महामारी: समेकित कार्यवाही की आवश्यकता

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    संपूर्ण लॉकडाउन विश्व का सबसे बडा मनोवैज्ञानिक परीक्षण है और इससे तनाव से जुड़ी अनेक समस्याएं पैदा होने की संभावना है। क्वारंटीन न केवल शारीरिक रूप से परेशानियां पैदा कर रहा है अपितु इसका मानसिक र्प्रभाव भी पड रहा है जो जीवन भर रह सकता है।
    Bapu-Ramcharitmanas

    बापू-रामचरितमानस

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    गांधीजी रामचरित मानस के बड़े प्रशंसक थे। वे तुलसीदास रचित इस कृति को संसार का अनुपम ग्रंथ मानते थे।
    The flow of ashes stopped, but the ways of salvation are still open

    अस्थियों का प्रवाह रूका, परन्तु कल्याण के रास्ते अभी भी खुले

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    दुनिया भर में अनेकों रीतियां हैं जिनसे लोग अपने मृतक परिवारिक सदस्यों को अंतिम विदायगी देते हैं। जल की तरह भूमि भी पवित्र है। भूमि भी जीवन दायनी है। अगर मृत शरीर पुन: जीवन दायनी की गोद में चला जाता है तब बुरा ही क्या है?

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