खजुराहो में क्षेत्रवाद और राष्ट्रवाद के सहारे दोनों प्रमुख दल

Regionalism, Nationalism

खजुराहो (एजेंसी)

बुंदेलखंड क्षेत्र के मध्यप्रदेश के हिस्से की सबसे अहम और महत्वपूर्ण लोकसभा सीट खजुराहो में हर बार की तरह इस बार भी जनता से जुड़े अहम मुद्दों के स्थान पर कांग्रेस के लिए क्षेत्रवाद और भारतीय जनता पार्टी के लिए राष्ट्रवाद ही अहम मुद्दा बन कर उभर रहा है। विकास की असीमित संभावनाओं से भरे इस संसदीय क्षेत्र की विसंगति ही है कि यहां हर बार की तरह इस बार भी विकास के मुद्दे पर चुनाव नहीं हो रहा।

जातिवाद यहां अब भी एक बड़ा मुद्दा बन कर उभरा है। यही वजह है कि विकास की विपुल संभावनाओं से भरा यह क्षेत्र आज भी पिछड़ा और मूलभूत बुनियादी सुविधाओं से वंचित है। यहां शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली, बेरोजगारी, पलायन, कुपोषण, पेयजल संकट और अवैध खनन बड़े मुद्दे हैं।

इस बार भी यहां सीधा मुकाबला कांग्रेस और भाजपा के बीच है। कांग्रेस ने यहां से छतरपुर के प्रभावी परिवार की बहू कविता सिंह को चुनावी मैदान में उतारा है। उनके पति विक्रम सिंह नातीराजा राजनगर विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस विधायक हैं। इनके मुकाबले में भाजपा ने वी डी शर्मा को आजमाया है। श्री शर्मा के बाहरी होने काे लेकर कांग्रेस जनता के बीच जा रही है।

कांग्रेस प्रत्याशी सिंह को जहां एक ओर भरोसा है कि उन्हें स्थानीय होने के नाते क्षेत्र के मतदाताओं का भरपूर समर्थन मिलेगा, वहीं भाजपा प्रत्याशी का मानना है कि लोग नरेन्द्र मोदी को एक बार फिर प्रधानमंत्री बनते देखना चाहते हैं। ऐसे में कांग्रेस क्षेत्रवाद तो वहीं भाजपा राष्ट्रवाद के सहारे चुनावी जंग जीतने के प्रति आशान्वित है।

इस संसदीय क्षेत्र में छह मई को मतदान होना है। अब तक दोनों ही दलों के अध्यक्ष अमित शाह और राहुल गांधी यहां अपने-अपने दलों के प्रत्याशियों के समर्थन में चुनावी प्रचार में उतर चुके हैं। इसके अलावा कांग्रेस की ओर से मुख्यमंत्री कमलनाथ और भाजपा की तरफ से पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रचार की कमान संभाली हुई है। कांग्रेस का प्रचार-प्रसार जहां एक ओर न्याय योजना के सहारे है, वहीं भाजपा नेता श्री मोदी को एक बार फिर से प्रधानमंत्री बनाकर देश को मजबूत बनाने की अपील करने में जुटे हैं।

खजुराहो संसदीय क्षेत्र के अधीन आने वाली 6 विधानसभा सीटों पर भाजपा व 2 सीटों पर कांग्रेस का कब्जा है। वर्ष 2004 से इस संसदीय सीट पर लगातार भाजपा का कब्जा बना हुआ है। वर्ष 2014 के चुनाव में भाजपा के नागेन्द्र सिंह ने कांग्रेस के राजा पटेरिया को करीब ढाई लाख मतों के अन्तर से पराजित किया था। इस बार यहां से कुल 17 प्रत्याशी चुनाव मैदान में है। संसदीय क्षेत्र में कुल 18 लाख 41 हजार 92 मतदाता हैं।

 

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