1 हजार 26 सर्टिफिकेट हासिल कर जगतार इन्सां ने बनाया रिकॉर्ड

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  • India Book of Records
  • पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां को दिया उपलब्धियों का श्रेय

  •  कोरोना काल में उत्तीर्ण किए थे 408 कोर्स, अब हुए 1 हजार 26

ओढां, राजू।  कहावत है कि अगर कुछ कर गुजरने की ललक हो तो कुछ भी असंभव नहीं है। इसका एक उदाहरण ओढां खंड के गांव श्री जलालआणा साहिब में जगतार सिंह इन्सां के रूप मेंं देखने को मिला। छोटी सी उम्र में ही बड़े कार्य कर कई रिकॉर्ड (India Book of Records) अपने नाम करते हुए जगतार इन्सां ने अपने गांव का नाम रोशन किया है। लोग इस युवा की प्रशंसा कर उसे बधाई दे रहे हैं। इस बारे जब संवाददाता राजू ओढां ने इस प्रतिभावान से बातचीत की तो उसने अपनी उपलब्धियों के बारे में जानकारी दी।

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कोरोना काल के दौरान 408 ऑनलाइन शिक्षा कोर्स कर रिकॉर्ड बनाया

जगतार इन्सां ने 12वीं की परीक्षा के बाद आईटीआई की थी। कोरोना काल के दौरान उसने घर पर रहकर 408 ऑनलाइन शिक्षा कोर्स में हिस्सा लेते हुए सभी कोर्स उत्तीर्ण कर सर्टिफिकेट हासिल करते हुए रिकॉर्ड बनाया। जिसके कारण उसका नाम इंटरनेशनल बुक ऑफ वल्र्ड रिकॉर्ड में शामिल हुआ। जगतार सिंह ने अपने रिकॉर्ड की फेहरिस्त को और लंबा कर दिया है। जगतार इन्सां ने अब तक सबसे ज्यादा 1 हजार 26 सर्टिफिकेट हासिल करने का रिकॉर्ड अपने नाम किया है। जिसके चलते उसका नाम इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड व एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज किया गया है। जगतार इन्सां ने इस उपलब्धि का श्रेय पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां को दिया है। उसने कहा कि पूज्य गुरु जी के पावन आशीर्वाद के चलते ही वह ये उपलब्धि हासिल कर पाया है।

छोटी सी उम्र में कमाया बड़ा नाम

जगतार इन्सां ने 27 वर्ष की उम्र में ही एक  हजार 26 सर्टिफिकेट हासिल कर इंटरनेशनल बुक ऑफ वल्र्ड रिकॉर्ड, इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड व एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड सहित 3 जगह अपना नाम दर्ज करवाकर अपने परिजनों व गांव का नाम चमकाया है। इसके अलावा उसे वर्ष 2021 का बेस्ट अचीवर अवार्ड भी दिया गया था। जगतार इन्सां की छोटी उम्र में ही इतनी उपलब्धियां हासिल करने पर लोग उसकी खूब प्रशंसा कर रहे हैं। जगतार सिंह इन्सां ने अपनी इच्छा व्यक्त करते हुए कहा कि वह साइबर सिक्योरिटी में कार्य करना चाहता है। इसके लिए वह ऑनलाइन तैयारियां कर रहा है। जगतार इन्सां को उसकी उपलब्धियों पर सांसद सुनीता दुग्गल व जिला प्रशासन की ओर से सम्मानित किया जा चुका है।

जिम्मेदारी व स्टडी दोनों साथ-साथ

जगतार इन्सां के सिर से बचपन में ही माता-पिता का साया उठ गया। ऐसे में उसके कंधों पर बचपन में ही घर की जिम्मेदारी आ गई। वह इस समय अपनी 85 वर्षीय दादी शांति देवी इन्सां के साथ रहता है। घर की जिम्मेदारियों को निभाने के साथ-साथ उसने अपनी स्टडी को भी जारी रखा हुआ है। जगतार ने ये साबित कर दिखाया कि अगर मन में कुछ कर गुजरने का जुनून हो तो कुछ भी असंभव नहीं है।

इन स्टडी में हासिल किए सर्टीफिकेट

जगतार इन्सां  ने ये सर्टिफिकेट उसे स्टडी व सोशल अवेयरनेस के क्षेत्र में मिले हैं। जिसमें कंप्यूटर के विभिन्न कोर्स, मेडिसिन से संबंधित, साइबर सिक्योरिटी, डिजीटल मार्केटिंग सहित अन्य कोर्स शामिल हैं। वहीं सोशल अवेयरनेस में नशा मुक्ति, दहेज प्रथा, स्वच्छता अभियान, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ, जनसंख्या नियंत्रण व प्लास्टिक आदि अन्य कार्य शामिल है।

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