अंबाला (सच कहूँ/संदीप)। Haryana New District: हरियाणा में प्रशासनिक पुनर्गठन को लेकर सरकार ने कदम तेज कर दिए हैं। पुनर्गठन उप-समिति के पास राज्यभर से नए जिलों और उपमंडलों के गठन के प्रस्ताव लगातार पहुँच रहे हैं। अब तक समिति को 73 से अधिक सुझाव प्राप्त हुए हैं। इनमें 11 नए जिलों के प्रस्ताव प्रमुख हैं, जिनमें अंबाला का नारायणगढ़, गुरुग्राम के मानेसर और पटौदी, कुरुक्षेत्र का पिहोवा, हिसार के हांसी व बरवाला, जींद का सफीदों, सोनीपत का गोहाना, सिरसा का डबवाली और करनाल का असंध शामिल हैं। साथ ही 14 उपमंडल, चार तहसील और 27 उप-तहसीलों के गठन का प्रस्ताव भी समिति के समक्ष रखा गया है।
चंडीगढ़ स्थित सिविल सचिवालय में हाल ही में हुई समिति की पांचवीं बैठक में विकास एवं पंचायत मंत्री कृष्ण लाल पंवार ने स्पष्ट किया कि सरकार प्रशासनिक पुनर्गठन पर गंभीरता से विचार कर रही है। समिति ने तय किया है कि नया जिला बनाने के लिए इनमें 125 से 200 गाँव, चार लाख से अधिक की आबादी और 80 हजार हेक्टेयर से अधिक क्षेत्रफल न्यूनतम मानदंड पूरे होने चाहिए।
लघु सचिवालय व कई मौजूदा भवन साबित होगें सकारात्मक पहलू
फिलहाल नारायणगढ़ में लघु सचिवालय और कई आवश्यक भवन पहले से मौजूद हैं। अधिकारियों का मानना है कि इनका उपयोग प्रशासनिक कार्यालयों के रूप में किया जा सकता है। इससे सरकार को अतिरिक्त खर्च भी सीमित रखना होगा। प्रस्तावित जिला बनने पर न केवल नारायणगढ़, बल्कि यमुनानगर और अंबाला के कुछ हिस्सों को भी सीधा लाभ होगा। उदाहरण के लिए, यमुनानगर के सढ़ौरा ब्लॉक के 63 गाँव अभी जिला मुख्यालय तक पहुँचने के लिए 35 से 65 किलोमीटर की दूरी तय करते हैं।
नारायणगढ़ जिला बनने पर यह दूरी घटकर लगभग छह किलोमीटर रह जाएगी। अंबाला के मुलाना हलके के 15 गाँवों की दूरी भी औसतन 35 किलोमीटर से घटकर पाँच किलोमीटर के आसपास रह जाएगी। उल्लेखनीय है कि अंबाला न्यायालय में अत्यधिक कार्यभार के कारण बराड़ा उपमंडल के कई मामले सुनवाई के लिए नारायणगढ़ की अदालत में स्थानांतरित किए जाते हैं। इससे यह स्पष्ट संकेत मिलता है कि प्रशासनिक केंद्र का झुकाव धीरे-धीरे नारायणगढ़ की ओर हो रहा है।
नारायणगढ़ को लेकर बढ़ी उम्मीदें
नए जिलों की सूची में अंबाला का नारायणगढ़ एक बार फिर सुर्खियों में है। लगभग पाँच लाख की आबादी वाला यह क्षेत्र लंबे समय से जिला बनाए जाने की मांग उठा रहा है। वर्तमान में नारायणगढ़ उपमंडल में 187 गाँव और 156 पंचायतें आती हैं। प्रशासनिक दृष्टि से इतनी बड़ी आबादी को अंबाला से संभालना कठिन माना जाता है। स्थानीय लोगों की मुख्य परेशानी जिला मुख्यालय तक की दूरी है।
नारायणगढ़ के गाँवों से अंबाला पहुँचने में 40 से 55 किलोमीटर की यात्रा करनी पड़ती है। अदालत और सरकारी दफ्तरों के काम के लिए यह दूरी लोगों पर अतिरिक्त बोझ बनती है। यदि नारायणगढ़ को जिला घोषित किया जाता है तो अस्पताल, न्यायालय, कॉलेज और अन्य प्रशासनिक सुविधाएँ यहीं उपलब्ध हो पाएंगी।
मुख्यमंत्री नायब सैनी का गहरा जुड़ाव | Haryana New District
नारायणगढ़ उपमंडल से मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी का गहरा जुड़ाव है। वे अंबाला जिले के मिर्जापुर गाँव से आते हैं, जो इसी हलके में स्थित है। उनके मुख्यमंत्री बनने के बाद स्थानीय लोगों की उम्मीदें और बढ़ गई हैं कि इस बार उनकी दशकों पुरानी मांग पूरी हो सकती है। नारायणगढ़ को जिला बनाने की आवाज कई चुनावों से उठती रही है, लेकिन अब तक राजनीतिक परिस्थितियों के कारण यह अधूरी रही।
लोगों का मानना है कि सैनी के कार्यकाल में इस पर ठोस पहल संभव है। स्थानीय नागरिकों और सामाजिक संगठनों का कहना है कि यदि नारायणगढ़ को जिला घोषित किया जाता है तो न केवल क्षेत्र के विकास की राह आसान होगी, बल्कि प्रशासनिक पहुँच भी सीधी हो जाएगी। अब निगाहें सरकार के अगले फैसले पर टिकी हैं।
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