Monsoon : निकासी के हों उचित प्रबंध

monsoon
निकासी के हों उचित प्रबंध

उत्तर भारत में मॉनसून (monsoon) की पहली बारिश ने ही जल निकासी प्रबंधों की पोल खोल दी है। कई शहरों में हालात बदत्तर हैं। चंद महानगरों को छोड़कर छोटे-बड़े शहरों में आज तक कोई स्थायी व्यवस्था नहीं बन पाई है। नि:संदेह यह सच है कि बारिश के दौरान शहरों के पुराने हिस्सों में हालात निरंतर बिगड़ते जा रहे हैं। नई प्लानिंग के मुताबिक बनाई जा रही कॉलोनियों की हालत तो अच्छी है, लेकिन शहरों की केवल 10 फीसदी आबादी ही इन कॉलोनियों में निवास करती है। 90 फीसदी लोग तो आज भी ऐसे पुराने मकानों में रह रहे हैं, जहां सीवरेज की लाइन तक का प्रबंध नहीं है। जिससे यह पता चलता है कि कार्य को योजनाबद्ध रूप से नहीं किया गया। monsoon

चूँकि मुख्य बाजार शहर के पुराने हिस्सों में बने हुए हैं। सरकारों और राजनीतिक दलों में ऐसी इच्छाशक्ति ही नहीं कि वे जनमानस, व्यापारियों, व्यवसायियों और दुकानदारों के साथ बातचीत कर कोई बड़े बदलाव की योजना तैयार कर सकें। कहीं मकानों की हालत न बिगड़ जाए, लोग भी इस डर से व्यवस्था में बदलाव नहीं चाहते। छोटे पैमाने पर रोजगार से जुड़े हुए लोग जर्जर मौहल्लों में रहना ही सही समझते हैं। यह विचारधारा बिजनेस के लिए तो अच्छी है, लेकिन निर्माण नियोजन, खुले बाजार, उचित सीवरेज प्रबंधन की राह में बाधा है। Water evacuation

सरकारें और राजनीतिक दल वोट बैंक की नीति छोड़ने को तैयार नहीं हैं और मानसून में इन नीतियों का नुकसान समूह जनमानस को झेलना पड़ता है। कोई भी विधायक/सांसद अपने मतदाताओं को नाराज नहीं करना चाहता, इसलिए कई नेता इच्छा के बावजूद सुधारात्मक कदम उठाने से बचते हैं। विधायक/सांसद के पास जाकर वे सुधार संबंधी निर्णयों को रोकने में सफल हो जाते हैं। कई शहरों में नए बस अड्डों और ओवरब्रिजों के निर्माण में किसी न किसी द्वारा बाधाएं उत्पन्न हो रही हैं ताकि विकास कायो्रं का बाजार पर नकारात्मक प्रभाव न पड़े। monsoon

ये तथ्य हैं कि सुधार के लिए दृढ़ इच्छाशक्ति, दीर्घकालीन सोच और ठोस निर्णय लेने की आवश्यकता है। जिन नेताओं में निर्णय लेने का साहस है, वे समाज को नई दिशा दे सकते हैं। बेशक, ऐसे नेताओं को मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है, लेकिन आने वाली पीढ़ियां उनके फैसलों की सराहना करेंगी। बारिश में नर्क बन जाने वाले शहरों की सूरत बदलनी है तो सरकार में बैठे नेताओं और प्रशासनिक अधिकारियों को अपनी सोच बदलनी होगी। monsoon

यह भी पढ़ें:– Monsoon Health Tips: मॉनसून की दस्तक के बाद, बीमारियों से होगा जीवन अस्त-व्यस्त! जानें क्या है बचाव …

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here