
जिला परिषद कार्यालय में हुई अहम् बैठक
कैथल (सच कहूँ/कुलदीप नैन)। Kaithal News: जिला परिषद कैथल की सामान्य बैठक बुधवार सुबह जिला परिषद सभागार में आयोजित की गयी। इस बैठक की अध्यक्षता जिला परिषद चेयरमैन कर्मबीर कौल ने की। बैठक में पहुंचे पार्षदों ने अपने अपने वार्डो में विकास कार्य करवाने को लेकर भी अपनी बात रखी। लेकिन बैठक में जिस महत्वपूर्ण बिंदु पर चर्चा हुई वह था जो कार्य जिला परिषद के पूर्व चेयरमैन दीपक मलिक के कार्यकाल के दौरान पास तो कर दिए गए थे, लेकिन तत्कालीन सीओ सुशील कुमार के कई फाइलों पर हस्ताक्षर न होने के कारण वे तकनीकी रूप से अधूरे रह गए थे। इन अधूरी फाइलों के चलते करीब 8 करोड़ रुपये की राशि विकास कार्यों में उपयोग नहीं हो पाई और कई कार्य बीच में ही रुक गए। Kaithal News
हालाँकि कुछ ग्राम सभाओं और ब्लाक समितियों ने अपने स्तर पर कुछ विकास कार्य शुरू भी करवाए थे। अब बैठक में सभी पार्षदों ने निर्णय लिया कि उन कामो को या तो रद्द किया जाये या कोई बदलाव किया जाये। अब दोबारा नए प्लान और स्वीकृतियों के साथ 8 करोड़ रूपये की राशि सभी 270 गांवों के विकास कार्यों पर खर्च की जाएगी।
बता दे कि इससे पहले जिला परिषद की विशेष मीटिंग 21 जुलाई को हुई थी, जिसमें पूर्व चेयरमैन व पार्षद दीप बालू के बीच आरोप प्रत्यारोप हुआ था। मीटिंग में 6.35 करोड़ रुपए का बजट भी पास किया गया था। साथ ही पार्षदों को उनके वार्ड में आने वाली समस्याओं को अधिकारियों के समक्ष पूछा गया था। मीटिंग में विभिन्न कामों को लेकर काम करने वाले 7 स्पेशल कमेटियों का भी गठन किया गया था।
जो कार्य हो चुके उनका निरीक्षण कर किया जायेगा भुगतान | Kaithal News
वहीं बैठक के दौरान यह मुद्दा भी उठाया गया कि कुछ ऐसे कार्य थे जो शुरू कर दिए गए थे और पूरे भी कर दिए गए थे लेकिन वर्क ऑर्डर न होने के चलते उनकी पेमेंट रुकी हुई थी। अब उन कार्यो का निरीक्षण करके और गुणवत्ता जाँच करके भुगतान किया जायेगा। चेयरमैन ने बताया कि जिला परिषद सदस्यों द्वारा स्कूलो का भी निरीक्षण कर रहे हैं, जिसके संयोजक पार्षद अमरजीत किसान है| अब तक लगभग 50 स्कूलो का निरीक्षण किया जा चुका है।
8 करोड़ के विकास कार्य नए सिरे से होंगे: कर्मबीर कौल
जिला परिषद अध्यक्ष कर्मबीर कौल ने बताया कि आज जिला परिषद की बैठक हुई थी। पूर्व चेयरमैन के समय के लंबित पड़े 8 करोड़ रूपये के विकास कार्यो पर चर्चा की गयी। कुछ कार्य हो चुके थे उनका निरिक्षण करके भुगतान की भी एक व्यवस्थित प्रक्रिया बनाई गयी है। सभी पार्षदों से डिमांड भी मांगी गयी है। जो काम रद्द होंगे उनके स्थान पर उतनी ही राशिके नए विकास कार्य शुरू किये जायेगे।
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