MSG Bhandara : गर्मी प्रचंड, श्रद्धा अखंड! दूर-दूर तक साध-संगत ही साध-संगत

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गर्मी प्रचंड, श्रद्धा अखंड! दूर-दूर तक साध-संगत ही साध-संगत. Photo: Sushil Kumar

साध-संगत ने दुनियाभर में धूमधाम से मनाया पावन एमएसजी सत्संग भंडारा

सरसा (सच कहूँ/सुनील वर्मा)। 47.7 डिग्री सेल्सियस पर पहुँचे पारे और भीषण गर्म हवाओं के बीच रविवार को डेरा सच्चा सौदा की साध-संगत ने शाह सतनाम-शाह मस्तान जी धाम व मानवता भलाई केन्द्र डेरा सच्चा सौदा, सरसा सहित देश-दुनिया में पावन एमएसजी सत्संग भंडारा धूमधाम से मनाया। भीषण गर्मी के बावजूद पावन भंडारे में भारी तादाद में उमड़ी साध-संगत ने राम-नाम की रूहानी, आत्मिक ठंडक प्राप्त की। MSG Bhandara

इस सुअवसर पर विशाल पंंडाल और डेरा सच्चा सौदा की ओर आने वाले सभी मार्गों पर साध-संगत ही नजर आ रही थी। पावन भंडारे की समाप्ति तक साध-संगत के आने का सिलसिला लगातार जारी रहा। इस अवसर पर पूज्य गुरु जी के पावन सान्निध्य में डेरा सच्चा सौदा की साध-संगत द्वारा किए जा रहे 163 मानवता भलाई कार्यों के तहत 76 जरूरतमंद बच्चों को मौसम के मुताबिक कपड़े वितरित किए गए।

उल्लेखनीय है कि 29 अप्रैल 1948 में पूजनीय बेपरवाह सांईं शाह मस्ताना जी महाराज ने डेरा सच्चा सौदा का निर्माण कर डेरे में पहला सत्संग मई महीने में फरमाया था, इसलिए मई महीने को साध-संगत पावन एमएसजी सत्संग भंडारे महीने और मई के अंतिम रविवार को पावन एमएसजी सत्संग भंडारे के रूप में मनाती है।

साध-संगत ने एकाग्रचित होकर श्रवण किया सत्संग | MSG Bhandara

पावन एमएसजी सत्संग भंडारे का आगाज सच्चे रूहानी रहबर पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां को पवित्र नारे ‘‘धन-धन सतगुरु तेरा ही आसरा’’ के रूप में बधाई के साथ हुआ। इसके पश्चात कविराजों ने भक्तिमय भजनवाणी के माध्यम से सतगुरु की महिमा का यशोगान किया। इस सुअवसर पर सत्संग पंडाल में बड़ी-बड़ी एलईडी स्क्रीनों पर सच्चे रूहानी रहबर पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां के पावन अनमोल वचन चलाए गए, जिन्हें साध-संगत ने एकाग्रचित होकर श्रवण किया।

इस दौरान सर्वधर्म सम्भाव के संगम डेरा सच्चा सौदा के मानवता पर उपकार को दर्शाती डॉक्यूमेंट्री चलाई गई, जिसे देखकर साध-संगत ने पूरा पंडाल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंजायमान कर दिया। तत्पश्चात पूज्य गुरु जी द्वारा नशों के खिलाफ गाए गए दो गीत ‘जागो दुनिया दे लोको’ और ‘आशीर्वाद मांओं का’ चलाए गए, जिन्हें सुनकर लाखों युवा नशे और बुराइयों से तौबा कर चुके हैं। पावन भंडारे की समाप्ति पर आई हुई साध-संगत को सेवादारों ने कुछ ही मिनटों में प्रसाद और लंगर भोजन वितरित कर दिया।

संतों का मकसद हर इन्सान को खुशियां मिलें: पूज्य गुरु जी

पावन भंडारे के सुअवसर पर सच्चे रूहानी रहबर पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां ने फरमाया कि फकीर उस परम पिता परमात्मा के आगे प्रार्थना दुआ करते रहते हैं, अरदास करते रहते हैं और उनका मकसद सिर्फ एक ही होता है कि हर जीव सुख-शांति हासिल करे। हर इंसान को वो खुशियां मिलें, जिसके लिए वह दुआएं करता है, प्रार्थनाएं करता है, मगर वो सिर्फ जायज मांग होनी चाहिए। पूज्य गुरु जी ने फरमाया कि नाजायज मांग न तो कभी पूरी होती है और न उसके लिए कभी संत-पीर फकीर दुआएं करते हैं।

पूज्य गुरु जी ने फरमाया कि अगर इन्सान सत्संग लगातार सुनता है तो ये हो ही नहीं सकता कि उसे यह पता न चले कि उसके लिए सही मांग कौन सी है और गलत मांग कौन सी है। सही मांग वो होती है जिससे परिवार का भला हो, समाज का भला हो, देश और संसार का भला हो। सही मांग वो भी होती है जिससे शरीर का भला हो, आत्मा का भला और दिमाग में शांति रहे। संतोष धन आए, मन न भटकाए, माया न छलिया बने, काम, वासना, क्रोध, लोभ, मोह, अहंकार तंग न करें, ये सारी प्रार्थनाएं जब की जाती हैं तो परमपिता परमात्मा की दरगाह में मंजूर जरूर होती हैं।

सूफियत में जो सच्चा भक्त होता है, वो परम पिता परमात्मा को मांगता है

पूज्य गुरु जी ने आगे फरमाया कि इसके अलावा आदमी तो बहुत कुछ मांगता है, लेकिन सूफियत में जो सच्चा भक्त होता है, वो मांगता है कि हे मेरे परम पिता परमात्मा, मुझे वो देना जो तेरे दर के करीब करे, कभी दूर न करे। आपजी ने फरमाया कि लोगों के पास बहुत धन-दौलत आ जाती है, लेकिन उनके पास कमी यह आ जाती है कि वो परम पिता परमात्मा से दूर हो जाते हैं।

पूज्य गुरु जी ने आगे फरमाया कि वैसे तो इंसान समाज में रहते हुए समाज से मांगता रहता है, लेन-देन चलता रहता है, लेकिन वो हमेशा स्वस्थ तरीके से लेनदेन होना चाहिए। इंसान को सदा जुबान का पक्का बनना चाहिए। जो जुबान के पक्के होते हैं उन पर ही समाज में विश्वास किया जाता है, यकीन किया जाता है। जो इंसान जुबान के कच्चे होते हैं उन पर घर वाले यकीन नहीं करते, समाज का उन पर यकीन करना तो दूर की बात है। आज ऐसा समय चल रहा है जिसमें जुबान की बात तो छोड़िए आज तो लोग लिखा हुआ मुकर जाते हैं।

जगह-जगह लगी ठंडे पानी की छबीलें

Photo: Sushil Kumar

प्रचंड गर्मी को देखते हुए एमएसजी सत्संग भंडारे पर पहुंची साध-संगत के लिए डेरा सच्चा सौदा की स्थानीय साध-संगत द्वारा शाह सतनाम जी मार्ग सहित दरबार की ओर आने वाले विभिन्न मार्गों पर ठंडा-मीठा पानी पिलाने के लिए सेवादार पूरी तन्मयता से जुटे रहे। इस अवसर पर जगह-जगह पानी की छबील लगाई गई थी। साथ में पंडाल में सैकड़ों सेवादार हाथ वाले पंखों से हवा देते नजर आए। ताकि साध-संगत को कोई परेशानी न आए।

दिव्यांगों को नि:शुल्क मिले कैलिपर

Photo: Sushil Kumar

पावन एमएसजी सत्संग भंडारे के सुवअसर पर शाह सतनाम जी स्पेशलिटी अस्पताल में एक विशाल जनकल्याण परमार्थी नि:शुल्क चिकित्सा जांच शिविर लगाया गया, जिसमें विभिन्न रोगों के विशेषज्ञ चिकित्सकों ने अपनी सेवाएं दी। शिविर में मरीजों को दवाइयां भी फ्री में दी गई। इसके अलावा विकलांगता निवारण शिविर में जिन मरीजों के कैलीपर के नाप लिए गए थे, उन्हें कैलीपर भी दिए गए। वहीं सत्संग पंडाल में करियर काउंसलिंग शिविर भी लगाया गया, जिसमें विभिन्न करियर एक्सपर्ट ने शिक्षा ग्रहण कर रहे विद्यार्थियों का करियर संबंधी मार्गदर्शन किया गया। बड़ी संख्या में विद्यार्थियों और अभिभावकों ने इस शिविर में लाभ उठाया।

डॉक्यूमेंट्री के माध्यम से दिया सर्वधर्म सम्भाव का संदेश

पावन भंडारे के अवसर पर सर्व धर्म संगम डेरा सच्चा सौदा के मानवता पर उपकार को दर्शाती एक डॉक्यूमेंट्री भी चलाई गई। डॉक्यूमेंट्री के माध्यम से हिन्दू, मुस्लिम, सिख और इसाई सहित सभी धर्मों का सम्मान करने और भगवान, अल्लाह, वाहेगुरु, गॉड, खुदा, रब्ब की सच्चे हृदय से भक्ति करने के लिए प्रेरित किया गया। डॉक्यूमेंट्री में दर्शाया गया कि किस प्रकार से सर्वधर्म सम्भाव के साथ डेरा सच्चा सौदा से जुड़कर करोड़ों लोगों ने अपने जीवन को खुशहाल बनाया है।

पूज्य गुरु जी के गीतों पर झूमी साध-संगत | MSG Bhandara

पावन भंडारे के सुवअसर पर सच्चे रूहानी रहबर पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां द्वारा समाज को नशों के खिलाफ जागरूक करने के लिए गाए गए दो गीत ‘जागो दुनिया दे लोको’ और ‘आशीर्वाद माँओ का’ बड़ी-बड़ी स्क्रीनों पर चलाए गए, जिन पर बच्चों, युवाओं और बुजुर्गों ने नाच कर खुशी का इजहार किया। बता दें कि पूज्य गुरु जी के ये गीत समाज सुधार में मील का पत्थर साबित हो रहे हैं। पूज्य गुरु जी के इन गीतों को सुनकर लाखों लोग नशे और बुराइयां छोड़ चुके हैं। इन गीतों को सोशल मीडिया पर भी करोड़ों लोगों ने बेहद पसंद किया है और ये सिलसिला लगातार आगे बढ़ रहा है।

सभी समितियों के सेवादारों ने की बेमिसाल सेवा | MSG Bhandara

पावन एमएसजी सत्संग भंडारे पर पानी, ट्रैफिक, लंगर-भोजन, छायावान, सफाई सहित सभी समितियों के हजारों सेवादारों ने पूरी तन्मयता के साथ अपनी सेवाएं दी। इस दौरान सेवादारों की बेमिसाल सेवा भावना के सभी कायल नजर आए। सेवादारों का कहना था कि ये सब पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां की दया, मेहर रहमत से ही संभव हुआ है। सतगुरु जी हमें हिम्मत और हौंसला देते हैं तभी हम ये सेवा कर पाते हैं। MSG Bhandara

Photo: Sushil Kumar

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