कृषि कानूनों का विरोध : ढांसा बॉर्डर धरने पर गरजे किसान

Opposition to agricultural laws Farmers roared on dhansa border strike

‘फसल काटेंगे और धरनों पर भी बैठेंगे’

  • बच्चों को साथ धरने पर पहुंची महिलाएं

झज्जर (सच कहूँ/संजय भाटिया)। बेशक अब किसानों को खेतों में सरसों की फसल की कटाई के लिए जाना होगा, लेकिन इसके बावजूद भी धरने बंद नही होंगे। किसान फसल की कटाई भी करेंगे ओर धरनों पर पहुंच कर अपना समर्थन भी करेंगे। यह बात ढांसा बॉर्डर पर गुलिया तीसा खाप के तत्वावद्यान में चल रहे धरने पर पहुंचे किसानों ने कही।

रविवार का दिन होने के कारण ढांसा बॉर्डर धरना स्थल पर किसान अपने बच्चों को भी लेकर पहुंचे। अपने पोते ओर पोती के साथ धरने पर पहुंची बीरमती ने कहा कि बच्चों को धरने पर वे इसलिए लाई है कि बच्चें भी देख सकें कि अपनी जमीन की लड़ाई कैसे लड़ी जा रही है। बच्चों को भी पता चले कि उनके परिवार के सदस्य कैसे सड़कों पर बैठे हैं। महिलाओं ने कहा कि सरकार अडियल रवैया अपना रही है। किसानों को हल्के में लेना सरकार को महंगा पड़ेगा।

पिछले कई दिनों से धरने पर शिरकत कर रही सुशीला, चांदकौर आदि ने बताया कि अब लड़ाई अपनी जमीन बचाने की है। जब किसान के पास उसकी जमीन ही नहीं रहेगी तो किसान क्या खाएगा और कैसे बच्चों की परवरिश करेगा। महिलाओं ने बताया कि धरना स्थलों पर पुरूषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर वे खड़ी है। महिलाओं ने गर्व के साथ कहा कि वे भी किसान हैं। फसल की बिजाई से लेकर कटाई तक महिलाएं खेतों में अपना योगदान देती हैं।

उन्होंने कहा कि सरकार किसानों की मांग की अनदेखी कर रही है। धरने पर बैठे उमेद सिंह, बलबीर व कर्मबीर ने बताया कि सरकार की मंशा देखकर नहीं लग रहा कि धरने जल्द समाप्त होने वाले हैं। उन्होंने बताया कि सरकार यह समझ रही है कि फसल कटाई के चलते धरनों से किसान स्वयं ही घरों को लौट जाएंगे। ऐसा सोचना सरकार की भूल है।

उन्होंने बताया कि किसान सरसों व गेहूं की फसल की कटाई भी करेंगे ओर धरनों पर भी समय देंगे। किसानों ने कहा कि धरनों पर बैठे किसानों ने भीषण सर्दी में भी अपना हौंसला नहीं खोया है, अब गर्मी का भी मुकाबला करने के लिए किसान तैयार हैं। गुलिया तीसा खाप के प्रधान विनोद गुलिया ने कहा कि धरने पर प्रतिदिन भारी संख्या में किसान अपनी उपस्थिति दर्ज करवा रहे हैं।

किसान न थके हैं और न ही हारे हैं। सभी किसानों ने पक्का मन बना लिया है कि जब तक बिल वापसी नहीं तब तक घर वापसी नहीं पर अमल करना है। उन्होंने कहा कि ढांसा बॉर्डर धरने पर बैठे किसानों को किसी भी प्रकार की परेशानी नहीं आने दी जाएगी।

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