सताने वालों को सबक सिखाना जानता है किसान : भूपेन्द्र हुड्डा

Farmer knows how to teach a lesson to persecutors Bhupinder Hooda

बोले-आम आदमी की पहुंच से दूर होते जा रहे पेट्रोल, डीजल और रसोई गैस

सच कहूँ/लाजपत राय यमुनानगर। पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने किसान आंदोलन की अनदेखी कर रही सरकार को चेताते हुए कहा कि किसानों की अनदेखी करने वालों को किसान अच्छी तरह सबक सिखाना जानते हैं। इसलिए जो किसान को सताने का काम करेगा, किसान उसे सत्ता से हटाने का काम करेगा।

हुड्डा आज यमुनानगर के नौवी पातशाही गुरू तेग बहादुर थड़ा साहिब गुरुद्वारा में आयोजित शहीदी दिवस समारोह में बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे थे। उन्होंने कहा कि जो देश या समाज अपने शहीदों का सम्मान नहीं करता, वो आगे नहीं बढ़ सकता। ऐसे आयोजन देश और समाज को शहीदों की कुर्बानियों और उनके योगदान की याद दिलाते हैं। पत्रकारों से बातचीत करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि आंदोलनरत किसानों की मांगें पूरी तरह जायज हैं। सरकार को बिना देरी किए उनकी मांग माननी चाहिए और आंदोलन को खत्म करवाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर सरकार देश का भला करना चाहती है तो वह किसान हित को ध्यान में रखकर नीतियां बनाए।

फसलों के रेटों को लेकर घेरा

उन्होंने आगे कहा कि किसानों को याद है कि हमारी सरकार के दौरान धान का रेट एमएसपी के पार 5000 रुपये तक पहुंच गया था। पोपुलर भी 1250 रुपये के रेट पर खरीदा जाता था। पोपुलर के पत्ते तक इतने महंगे बिकते थे कि किसान अपनी बेटियों की शादी का खर्च जुटा लेते थे। हमारी सरकार के दौरान कपास और गन्ने का रेट देश में सबसे ज्यादा था। लेकिन बीजेपी सरकार आने के बाद 6 साल में गन्ने के रेट में बमुश्किल 40 रुपये ही इजाफा हुआ है। जबकि, कांग्रेस सरकार ने गन्ने के रेट में रिकॉर्ड तोड़ बढ़ोत्तरी करते हुए उसे 117 से बढ़ाकर 310 रुपये तक पहुंचाया था। यानी गन्ने के रेट में ऐतिहासिक 193 रुपये की बढ़ोत्तरी की गई थी।

कांग्रेस की तुलना में दोगुना वैट वसूल रही भाजपा

हुड्डा ने याद दिलाया कि उनके कार्यकाल के दौरान हरियाणा में तेल सबसे सस्ता था, क्योंकि उस पर वैट कम था। उस समय डीजल पर वैट 9 प्रतिशत था, जो कि बीजेपी राज में बढ़कर दोगुना हो गया है। एक तरफ प्रदेश सरकार का वैट तो दूसरी तरफ केंद्र सरकार की भारी एक्साइज ड्यूटी, आम आदमी पर महंगाई की चौतरफा मार पड़ रही है। पेट्रोल, डीजल और रसोई गैस जैसी जरूरी चीजें आम आदमी की पहुंच दूर होते जा रही हैं। पेट्रोलियम उत्पादों के दाम में प्रदेशवासियों को राहत देने के लिये हरियाणा सरकार को वैट घटाना चाहिए।

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