जोड़ों की जकड़न में कारगर है फिज्योथेरैपी

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Health News: डॉ. मनजीत सिंह सिविल सर्जन, यमुनानगर

लाजपतराय।
Physiotherapy: ‘सभी के लिये समान पहुँच, सभी रक्तस्राव विकारों को पहचानना’ इसी थीम को इस बार हिमोफिलिया दिवस मनाया जा रहा है। 30 अप्रैल तक चलने वाले विश्व हिमोफिलिया जागरूकता पखवाड़ा को लेकर यमुनानगर के सिविल सर्जन डॉ. मनजीत सिंह ने कई अहम जानकारियां देते हुए बताया कि हिमोफिलिया फैक्टर के साथ-साथ मरीजों के जोड़ों को ठीक रखने के लिये फिज्योथेरैपी भी आवश्यक है। Health News

हिमोफिलिया एक उम्रभर चलने वाले खून के स्राव का विकार है, जो खून में थक्के बनने से रोकता है, जिसका मुख्य खतरा आन्तरिक रक्त स्राव है। जो अचानक चोट आदि के लगने से शुरू होता है। एक वंशागत यानि पीढ़ी दर पीढ़ी होने वाली बीमारी है। प्रत्येक 5000 पुरूषों में एक व्यक्ति हिमोफिलिया ग्रस्त पैदा होता है। इसका प्रभावशाली उपचार तो उपलब्ध है, परन्तु जड़ से ईलाज नहीं किया जा सकता। हरियाणा सरकार द्वारा हिमोफिलिया के मरीजों को मुफ्त एन्टी हिमोफिलिया फैक्टर, सरकारी अस्पताल में मुफ्त रक्त की सुविधा, रोडवेज की बसों में मुफ्त यात्रा की सुविधा, दसवीं तक मुफ्त शिक्षा की सुविधा प्रदान की जाती है।

वहीं डॉ. दिव्या मंगला ने बताया कि मरीज व उनके अभिभावक विवाह के समय वर व कन्या की जांच अवश्य कराएं ताकि उनका जीवन सामान्य व होने वाले बच्चे रोग मुक्त रहें।

ऐसे मरीजों के लिए समय पर जांच क्यों जरूरी | Health News

डॉ. जतिन मनोचा ने बताया कि हिमोफिलिया के मरीजों को समय-समय पर अपनी ईन्हैबिटरस की जांच कराते रहना चाहिए। कई बार लगातार इन्जैक्शन के प्रयोग से मरीज के शरीर में इन्हैबिटर बनने लगते हैं, जिसके कारण मरीज को फाईबा ईन्जैक्शन लगाना पड़ता है, जोकि अंतिम उपचार है। फिज्योथैरेपिस्ट डॉ. जगदीप सिंह ने बताया कि कम समस्या में फिज्योथैरेपी अथवा आईस थैरेपी द्वारा भी उपचार किया जा सकता है, जिससे मरीज को ईन्जैक्शन की कम आवश्यकता होती है तथा उन्होेंने सभी मरीजों से कहा कि वे सिविल अस्पताल में कभी भी फिज्यौथेरेपी के लिये उनसे सम्पर्क कर सलाह ले सकते हैं।

विटामिन-ए व सी युक्त पदार्थ खाएं: डॉ. बैरी

डाईटीशियन डॉ. रीमा बैरी ने सभी को बताया कि रक्त चढ़ाने अथवा ईन्जैक्शन के लगातार प्रयोग से मरीज के शरीर में आईरन की मात्रा बढ़ती है, जिसके कारण मरीज के जोड़ों में दिक्कत, सूजन व रक्त स्राव होता है। मरीजों अपने खान-पान में वीटामिन ए व सी से युक्त पदार्थों का सेवन करना चाहिए तथा गर्म तासिर की सामग्री का प्रयोग सोच समझ कर नियमानुसार करना चाहिये। Health News

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