अपने खानदान के बारे में पूज्य गुरु जी ने ऐसा क्या कहा जिसको सुनकर 6 करोड़ साध-संगत गर्व महसूस करती है

सरसा। पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां फरमाते हैं कि हमारी खानदानी तो आप हैं, सारी साध-संगत और हमें उम्मीद है, कि हमारी खानदानी में ऐसे-ऐसे लोग पड़े हंै, जो दूसरों की जान बचाने के लिए अपनी जान की परवाह नहीं करते। हमारी खानदानी में ऐसी औलादे हैं हमारी, जो दूसरों को निगाह देने के लिए जीते-जी भी अपनी एक आंख देने को तैयार बैठी हैं। हमारी खानदानी में वे सेवादार हैं, जो जीते-जी भी गुर्दा दान करने के लिए तैयार बैठे हैं, सिर्फ एक-दो नहीं बल्कि 52 हजार बैठे हैं।

ये खानदानी नेकी भलाई के कार्यों में ठोक-ठोक के कदम रख रहे हैं, ये हैं हमारी खानदानी। जो अल्लाह, वाहेगुरु, राम के रास्ते पर चल रहे हैं, बस एक आवाज देने से सेवा का जज्बा ऐसा उठता है कि करोड़पति भी मनुष्यों की गंदगी तक को चुटकियों में साफ कर देते हैं, ये है हमारी खानदानी। और हम अपने संत सतगुरु शाह सतनाम जी महाराज की खानदानी हंै, जिन्होंने हमें अपने नक्शेकदम पर चला रखा है। हमारी भी अपनी नहीं है, यह भी उस मुर्शिदे कामिल की है, उसका रहमोकर्म है। सब कुछ उसका है। इसलिए हमारा तो वो ही है, जो हमारे नक्शेकदम पर चलेगा। जो हमारे से उल्ट चलता है, हर समय उस बात को मानता ही नहीं है, वो हमारे कुछ नहीं लगता।

उसके लिए दुआए हैं, मालिक कभी तो उसे सद्बुद्धि देगा। कभी तो नेक अकल देगा। हर इन्सान नेकी भलाई के रास्ते पर चले। हालांकि हम सब एक ही अल्लाह, राम की खानदानी हैं, जो उसको नहीं मान रहे वो भी तो हैं उसकी खानदानी और उस लिहाज से हमारी भी हुई। लेकिन असल खानदानी हमारी आप सब साध-संगत हैं। जो नेकी भलाई के रास्ते पर हमारी एक जरा-सी आवाज में ना शरीर की परवाह करते हैं, ना कपड़े-लत्ते की परवाह करते हैं, ना शारीरिक परेशानी की। हमारी खानदानी वो कभी नहीं हो सकती, जो अपने शरीर के लिए 10-20 औरों को भी तकलीफ पहुंचाए।

अन्य अपडेट हासिल करने के लिए हमें Facebook और TwitterInstagramLinkedIn , YouTube  पर फॉलो करें।