बजट में पंजाब की उम्मीदों पर फिरा पानी, बॉर्डर एरिया के लिए फंड से लेकर किसानों के हाथ रहे खाली

Chandigarh News
Chandigarh News: केन्द्र को नहीं काटने देंगे 8 लाख परिवारों के राशन कार्ड, नहीं रुकेगा राशन: सीएम

बॉर्डर पुलिस के लिए मांगा था 1 हजार करोड़, पराली जलाने से रोकने के लिए की थी डिमांड

  • वन्दे मातरम् ट्रैन से भी इन्कार, राजपुरा-चंडीगढ़ लिंक का भी नहीं हुआ ऐलान

चंडीगढ़। (सच कहूँ/अश्वनी चावला) केंद्रीय बजट में पंजाब की उम्मीदों पर एक बार फिर से पानी फिर गया है। पंजाब के हिस्से काफी कुछ आना तो दूर दी बात, जो कुछ प्री-बजट की मीटिंगों दौरान मांगा गया था, उसमें से भी पंजाब को कुछ नहीं दिया गया है। जिस कारण पंजाब को इस बजट से खाली हाथ ही रहना पड़ा है। पंजाब द्वारा बॉर्डर एरिया में सुरक्षा बढ़ाने के लिए एक हजार करोड़ की मांग रखी थी तो पराली जलाने से रोकने के लिए 1125 करोड़ रुपए मांगे गए थे। इन दोनों अहम मांगों को मानने से न ही केन्द्र सरकार द्वारा इंकार किया गया और न ही बजट में घोषणा की गई। जिससे साफ हो गया कि प्री-बजट मीटिंग में पंजाब से पूछ तो लिया गया परंतु घोषणाओं मौके पंजाब को बजट भाषण से बाहर कर दिया गया।

यह भी पढ़ें:– जालंधर में अकाली दल पार्टी को बड़ा झटका

पंजाब सरकार बॉर्डर एरिया होने के कारण इंड्रस्टी के लिए खास पैकेज देने दी मांग की गई थी, जिस द्वारा 6500 करोड़ रुपए मिलने की उम्मीद पंजाब सरकार लगा रही थी परंतु इस मांग को भी नहीं माना गया है। बेसिक साजो सामान की लिस्ट में से भी पंजाब को बाहर कर दिया गया है।

पंजाब सरकार द्वारा दिल्ली से अमृतसर और दिल्ली से बठिंडा के लिए वंदे मातरम ट्रेन देन दी मांग की गई थी और पंजाब को उम्मीद थी कि वन्दे मातरम पंजाब को जरुर मिलेगी परंतु इन दोनों रुटों पर वन्दे मातरम चलाने संबंधी कोई ऐलान नहीं किया गया। पंजाब की राजधानी चंडीगढ़ को पंजाब के साथ जोड़ने वाले रेलमार्ग राजपुरा का ऐलान होने संबंधी पूरी उम्मीद थी परंतु इस मांग पर भी उम्मीद पर खरी नहीं उतरी।

पंजाब सरकार द्वारा नशे का खात्मा करने और बॉर्डर जिलों के विकास के लिए 2500 करोड़ रुपए की मांग कीथी परंतु बजट में इसका भी कोई ऐलान नहीं हो पाया और बजट में विकास कार्यों के लिए कोई भी पैसा पंजाब को नहीं दिया गया है।

नर्सिंग कॉलेज से भी पंजाब हुआ बाहर

केंद्रीय वित्त मंत्री द्वारा देश के लगभग सभी राज्यों के लिए 157 मेडिकल कॉलेज और नर्सिंग कॉलेज खोलने का ऐलान किया है परंतु इसमें भी कुछ शर्तें रख दी गई हैं, जिन पर पंजाब खरा नहीं उतर सकता है। इसलिए नर्सिंग और मेडिकल कॉलेज की दौड़ में से पंजाब बाहर होता नजर आ रहा है। बताया जा रहा है कि 157 मेडिकल और नर्सिंग कॉलेज में पंजाब को एक भी नहीं मिलेगा।

अन्य अपडेट हासिल करने के लिए हमें Facebook और TwitterInstagramLinkedIn , YouTube  पर फॉलो करें।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here