Amarnath Yatra 2025: कश्मीर में भारी बारिश अमरनाथ यात्रा स्थगित!

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Amarnath Yatra 2025: कश्मीर में भारी बारिश अमरनाथ यात्रा स्थगित!

Amarnath Yatra 2025: श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर में लगातार हो रही मूसलधार बारिश के कारण श्री अमरनाथ यात्रा को एक दिन के लिए स्थगित कर दिया गया है। 30 जुलाई की सुबह से जारी भारी वर्षा के चलते पहलगाम और बालटाल दोनों आधार शिविरों से यात्रा रोक दी गई है। यह निर्णय श्रद्धालुओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। सूचना एवं जनसंपर्क विभाग, जम्मू-कश्मीर ने ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए बताया कि 31 जुलाई को जम्मू के भगवती नगर यात्रा शिविर से भी कोई नया जत्था नहीं भेजा जाएगा। मौसम की खराब स्थिति को देखते हुए यह ऐहतियाती कदम उठाया गया है। Amarnath Yatra Latest News

कश्मीर के संभागीय आयुक्त विजय कुमार बिधूड़ी ने बताया कि बारिश के कारण नुनवान (पहलगाम) और बालटाल दोनों मार्गों पर स्थिति असुरक्षित बनी हुई है, जिससे श्रद्धालुओं की आवाजाही संभव नहीं हो पा रही है। उन्होंने बताया कि श्री अमरनाथ यात्रा 2025 के दौरान अब तक 3.93 लाख से अधिक तीर्थयात्री पवित्र गुफा के दर्शन कर चुके हैं।

31 जुलाई को कोई जत्था नहीं जाएगा आगे | Amarnath Yatra Latest News

डिविजनल कमिश्नर जम्मू रमेश कुमार के अनुसार, लगातार बारिश और तीर्थयात्रा मार्गों की खराब स्थिति के कारण 31 जुलाई को किसी भी जत्थे को बालटाल या नुनवान नहीं भेजा जाएगा। श्रद्धालुओं को यात्रा से संबंधित स्थिति की जानकारी समय-समय पर दी जाती रहेगी। इस वर्ष यात्रा से पहले पहलगाम आतंकी हमले की पृष्ठभूमि को देखते हुए प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था को अत्यधिक सख्त किया है। हमले में 26 नागरिकों की मृत्यु हुई थी, जिसके बाद से सुरक्षा बलों की तैनाती और निगरानी बढ़ा दी गई है।

सेना, बीएसएफ, सीआरपीएफ, एसएसबी और स्थानीय पुलिस की मौजूदा तैनाती को और मज़बूती देने के लिए CAPF की 180 अतिरिक्त कंपनियां भेजी गई हैं। यात्रा मार्गों, पारगमन शिविरों और आधार शिविरों को सुरक्षा घेरे में ले लिया गया है।

यात्रा के मार्ग और दूरी की जानकारी | Amarnath Yatra Latest News

पहलगाम मार्ग: चंदनवाड़ी → शेषनाग → पंचतरणी → गुफा मंदिर
(कुल पैदल दूरी: 46 किलोमीटर, यात्रा अवधि: लगभग 4 दिन)

बालटाल मार्ग: बालटाल → गुफा मंदिर
(कुल पैदल दूरी: 14 किलोमीटर, यात्रा एक दिन में पूरी हो जाती है)

नोट: इस वर्ष हेलीकॉप्टर सेवा उपलब्ध नहीं है, श्रद्धालुओं को पूरी यात्रा पैदल करनी होगी।

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