हरियाणा की जेलों में कौशल विकास पहल और डिप्लोमा पाठ्यक्रमों होंगे शुरू

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Gurugram News: गुरुग्राम के भोंडसी स्थित जिला जेल।

भारत के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति सूर्यकांत शर्मा द्वारा 6 दिसंबर जिला जेल गुरुग्राम से की जाएगी शुरूआत

गुरुग्राम (सच कहूँ न्यूज़)। Gurugram News: पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय, हरियाणा सरकार के साथ मिलकर प्रदेश की विभिन्न जेलों में कौशल विकास केंद्रों, पॉलिटेक्निक डिप्लोमा पाठ्यक्रमों और आईटीआई-स्तरीय व्यावसायिक प्रशिक्षण की शुरूआत करेगा। इसका उद्घाटन भारत के मुख्य न्यायाधीश, न्यायमूर्ति सूर्यकांत द्वारा छह दिसंबर को गुरुग्राम जिला जेल भौंडसी में किया जाएगा। इस अवसर पर भारतीय सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति राजेश बिंदल, न्यायमूर्ति आॅगस्टीन जॉर्ज मसीह, पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश, न्यायमूर्ति शील नागू तथा उच्च न्यायालय के सभी न्यायाधीश भी मौजूद रहेंगे।

न्यायमूर्ति कुलदीप तिवारी की अध्यक्षता वाली विचाराधीन/जेल कैदियों के पुनर्वास एवं कौशल विकास संबंधी समिति के निरंतर प्रयासों ने इस पहल को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उनका साझा दृष्टिकोण इस विश्वास को रेखांकित करता है कि जेलों को सुधार, क्षमता निर्माण और मानवीय गरिमा के संस्थानों के रूप में विकसित होना चाहिए।हरियाणा की जेलों में पॉलिटेक्निक और कौशल विकास कार्यक्रमों का उद्घाटन सुधारात्मक न्याय के प्रति राज्य के दृष्टिकोण में एक क्रांतिकारी बदलाव का प्रतीक है। इस पहल के तहत कैदियों को व्यवसायिक और तकनीकी शिक्षा की एक विस्तृत श्रृंखला तक पहुंच प्राप्त होगी, जिसमें कंप्यूटर आॅपरेटर और प्रोग्रामिंग सहायक, वेल्डर, प्लंबर, ग्रेस मेकर,

इलेक्ट्रीशियन, बुडवर्क टेक्नीशियन, सिलाई तकनीक और कॉस्मेटोलॉजी जैसे व्यवसायों में आईटीआई पाठ्यक्रम और कंप्यूटर इंजीनियरिंग में तीन वर्षीय पॉलिटेक्निक डिप्लोमा शामिल है। इस पहल का उद्देश्य कैदियों को वर्तमान उद्योग की मांगों के अनुरूप रोजगारपरक कौशल से परिपूर्ण करना है। इन कार्यक्रमों की न केवल तकनीकी ज्ञान प्रदान करने के लिए बल्कि कैदियों में आत्मविश्वास, अनुशासन और उद्देश्य का संचार करने के लिए भी रूपरेखा तैयार की गयी है। उन्होंने बताया कि सुधारात्मक परिवर्तन के साथ-साथ, हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण (हालसा) ने एक व्यापक नशा विरोधी जागरूकता अभियान की भी संकल्पना की है, जिसका इसी कार्यक्रम के दौरान उद्घाटन किया जाएगा।

यह पहल पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय की न्यायाधीश एवं हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण (हालसा) की कार्यकारी अध्यक्ष न्यायमूर्ति लिसा गिल के मार्गदर्शन और दूरदर्शिता के तहत आकार ले रही है। यह महत्वाकांक्षी एक महीने तक चलने वाला राज्यव्यापी नशा-विरोधी जागरूकता अभियान, पूरे राज्य में युवाओं और उनके परिवारों को प्रभावित करने वाले मादक द्रव्यों के दुरुपयोग के मामलों में खतरनाक वृद्धि को दूर करने के लिए शुरू किया जाएगा।

यह अभियान लक्षित सामुदायिक सहभागिता के माध्यम से प्रभावित व्यक्तियों और उनके परिवारों के बीच निरतर व्यवहारिक परिवर्तन लाने का प्रयास करेगा। इसका मुख्य उद्देश्य छात्रों, अभिभावकों, शिक्षकों और समुदाय के सदस्यों को मादक द्रव्यों की लत के स्वास्थ्य संबंधी खतरों, मनोवैज्ञानिक प्रभावों और दीर्घकालिक परिणामों के बारे में शिक्षित करना है। Gurugram News

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