सुंदरराजन ने पीजी मेडिकल छात्रा की आत्महत्या को लेकर गहन जांच की मांग की

हैदराबाद (एजेंसी)। तेलंगाना की राज्यपाल डॉ. तमिलिसाई सुंदरराजन ने वारंगल में काकतीय मेडिकल कॉलेज (केएमसी) की पीजी मेडिकल प्रथम वर्ष की छात्रा डॉ. डी प्रीती की मौत की गहन जांच की मांग की है। राजभवन की एक विज्ञप्ति में बुधवार को यह जानकारी दी गयी। विज्ञप्ति में बताया गया कि डॉ प्रीती ने एक वरिष्ठ द्वारा कथित रूप से उत्पीड़न के कारण आत्महत्या का प्रयास किया था और रविवार को पांच दिनों तक जिंदगी के लिए संघर्ष करने के बाद, यहां निजाम आयुर्विज्ञान संस्थान (निम्स) में इलाज के दौरान मौत हो गई। राज्यपाल ने डॉ. प्रीति को श्रद्धांजलि अर्पित की।

यह भी पढ़ें:– योगी की कसम…मिट्टी में मिलाने वाला एक्शन, चला बुलडोजर…

क्या है मामला

डॉ. प्रीती की आत्महत्या की दुखद घटना को गंभीरता से लेते हुए, डॉ. सुंदरराजन के निर्देश पर राजभवन ने स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय (केएनआरयूएचएस) के कुलपति कलोजी नारायण राव को एक पत्र लिखा, जिसमें डॉ प्रीति की मौत के पीछे के सही कारणों का पता लगाने के लिए हर प्रकार से गहन जांच की आवश्यकता जताई है। राज्यपाल के कार्यालय ने स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय में उत्पीड़न और रैगिंग की ऐसी घटनाओं से निपटने के लिए मानक संचालन प्रक्रियाओं पर एक विस्तृत रिपोर्ट भी मांगी है। पत्र में मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों में मेडिकोज और सहायक प्रोफेसरों के ड्यूटी के घंटों और सीसी कैमरों की स्थापना तथा कामकाज से निपटने के लिए एसओपी नियमावली के बारे में भी पूछताछ की गई है।

राजभवन से मिले पत्र में शिकायत निवारण प्रकोष्ठ के कामकाज, पीड़ितों की चिंताओं को दूर करने, डॉक्टरों से मिले फीडबैक के मूल्यांकन और उनके काम करने की स्थिति जैसे मुद्दों की रिपोर्ट मांगी गयी है।

कानूनों को सख्ती से लागू करने का आह्वान

पत्र में डॉ प्रीती के बेहतर उपचार के लिए एमजीएम अस्पताल में स्थानांतरित करने का सुझाव दिया गया था। राजभवन से लिखे गए पत्र में विश्वविद्यालय के कुलपति के नियंत्रण में रैगिंग विरोधी उपायों और तंत्र पर एक रिपोर्ट भी मांगी गई है। राज्यपाल ने विद्यार्थियों, विशेषकर महिला डॉक्टरों की सुरक्षा पर विशेष ध्यान देने के साथ मेडिकल कॉलेजों में एंटी-रैगिंग और उत्पीड़न विरोधी कानूनों को सख्ती से लागू करने का आह्वान किया और प्रत्येक मेडिकल कॉलेज में मनोचिकित्सा विंग के एचओडी की अध्यक्षता में एक छात्र परामर्श प्रकोष्ठ बनाने का भी सुझाव दिया था। पत्र में उल्लेख किया गया है कि राज्यपाल ने कुलपति को डॉक्टरों और फैकल्टी के बीच बेहतर जागरूकता पैदा करने और भविष्य में ऐसी किसी भी दुर्भाग्यपूर्ण घटना को रोकने के लिए प्रभावी रणनीति बनाने का निर्देश दिया है।

अन्य अपडेट हासिल करने के लिए हमें Facebook और TwitterInstagramLinkedIn , YouTube  पर फॉलो करें।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here