आत्मा दुनिया में आकर भूल जाती है गर्भ में किए वादे
पूज्य गुरु जी आगे फरमाते हैं कि जो जीवात्मा अपने मालिक से किए हुए वायदे को तोड़ देती है वह गद्दार के समान बन जाती है। वह आत्मा चंद रुपये-पैसों, मान-बड़ाई और अपनी झूठी वाह-वाह के लिए अपने मालिक से मुनकर हो जाती है।
गर्भवति महिला को रक्त की पड़ गई अचानक जरुरत, एक कॉल पर पहुँच गई डेरा सच्चा सौदा की संगत
इन्सानियत की मिसाल | Bloo...

























