यूथ वीरांगनाओं ने 13 जरूरतमंदों को बांटा राशन
संस्था की नेता कोमल रानी ने बताया कि हमारी संस्था की ओर से समय-समय पर समाज में अनेकों ही मानवता भलाई के काम किए जा रहे हैं।
सतगुरु की रहमत से बदलती है सोच
पूज्य गुरू संत डॉ.गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां फरमाते हैं कि जब अंत:करण से सतगुरू की खुशियां आती हैं तो अपने आप ही कदम थिरकने लगते हैं। चेहरों पर नूर आ जाता है, अंदर सरूर आ जाता है।
सोने पे सुहागा है सेवा के साथ किया सुमिरन
पूज्य गुरु जी फरमाते हैं कि मालिक का प्यार-मोहब्बत, उसका नाम दोनों जहान में हमेशा अमर रहने वाला है। हमेशा मस्तो-मस्त रहने वाला है।
सेवा-सुमिरन ही इन्सान के सच्चे रिश्तेदार हैं
आप जी ने फरमाया कि साध-संगत बहुत बताती है कि सपने आदि में उनके साथ क्या हुआ और दर्शन हुए। क्योंकि मालिक, सतगुरु, दाता, रहबर पीर-फकीर के रूप में दर्शन तभी देते हैं जब संत उस मालिक से एक हो चुका होता है।
102वें पावन अवतार दिवस पर विशेष : नूर से भरपूर नूरानी चेहरा,अनामी से आया ‘शाह सतनाम जी’ मेरा
अंधकार रूपी मायाजाल से प्...
























