कर्म बुरे न करो, उनका फल जब भोगना पड़ता है तब छुटकारा नहीं होगा: पूज्य गुरू जी
सरसा। पूज्य हजूर पिता संत...
मालिक के नाम में छुपी हैं तमाम बरकतें: पूज्य गुरु जी
इन्सान बुरे कर्म करता हुआ आगे बढ़ता है और बुरे कर्म करता चला जाता है।
लोग ठग्गी मारते हैं, बेइमानी करते हैं, दूसरों का हक मारकर खाते हैं, चोरी, निंदा-चुगली करते हैं, इस बुराई के युग में ये सब चलता है