मालिक का शुक्राना करना कभी ना भूलो: पूज्य गुरु जी
इन्सान को मालिक का शुक्राना करते रहना चाहिए। परम पिता परमात्मा का शुक्राना करना इबादत, भक्ति है, क्योंकि वो कभी किसी का शुक्राना आसानी से नहीं लेता। अगर आप उसे तड़प कर बुलाते हैं,सच्ची भावना से आप उसे बुलाते हो, तो वो आपकी सुनता है, आपके गम, दु:ख, दर्द, चिंताएं मिटा देता है।
बेपरवाह जी के इलाही वचन: यह डेरा किसी चंदे, फंड या धोखे की दौलत से नहीं बना
सरसा। धन-धन संतों के न्या...