मालिक का शुक्राना करना कभी ना भूलो: पूज्य गुरु जी
इन्सान को मालिक का शुक्राना करते रहना चाहिए। परम पिता परमात्मा का शुक्राना करना इबादत, भक्ति है, क्योंकि वो कभी किसी का शुक्राना आसानी से नहीं लेता। अगर आप उसे तड़प कर बुलाते हैं,सच्ची भावना से आप उसे बुलाते हो, तो वो आपकी सुनता है, आपके गम, दु:ख, दर्द, चिंताएं मिटा देता है।
वचनों पर अमल करने से मिलती है खुशियां
इन्सान राम का नाम जपे, सबका भला मांगे और भला करे तो यकिनन मालिक की कृपा होती है।
इन्सान के दामन छोटे रह जाते हैं और मालिक के रहमो-कर्म से जीव अंदर-बाहर से मालामाल हो जाता है।
निंदा करने वालों से सदा बचकर रहो
इन्सान निंदा-चुगली, बुराइयों व झूठ, फरेब से जितना बच सकें, उतना ही अच्छा है।
























