मालिक के नाम में छुपी हैं तमाम बरकतें: पूज्य गुरु जी
इन्सान बुरे कर्म करता हुआ आगे बढ़ता है और बुरे कर्म करता चला जाता है।
लोग ठग्गी मारते हैं, बेइमानी करते हैं, दूसरों का हक मारकर खाते हैं, चोरी, निंदा-चुगली करते हैं, इस बुराई के युग में ये सब चलता है
सच्ची भावना से नजर आता है भगवान
कभी भी बुरा कर्म न करो, न ही बुरी सोच रखो। सत्संग का दायरा ऐसा जबरदस्त होता है, अगर एक शिक्षार्थी की तरह आओ तो ऐसी शिक्षा लेकर जाओगे, जिससे आप ही नहीं आपकी कुलों का उद्धार हो जाएगा। वहीं अगर आप बुरी सोच रखते हैं तो कुलों पर भी असर लाजमी पड़ता है।