कर्म बुरे न करो, उनका फल जब भोगना पड़ता है तब छुटकारा नहीं होगा: पूज्य गुरू जी
सरसा। पूज्य हजूर पिता संत...
अपने फर्ज का निर्वाह करो, मगर अति नहीं होनी चाहिए
जिस रिश्ते के लिए जुड़े हैं, बहन-भाई का रिश्ता, पति-पत्नी का, मां-बेटे का रिश्ता इन रिश्तों के लिए जो भी आपके फर्ज हैं, कर्त्तव्य है उस प्यार का निर्वाह करो, लेकिन अति नहीं होनी चाहिए। अति अगर करना चाहते हो तो भगवान, सतगुरु के प्यार में करो।