खुदगर्ज हैं ज्यादातर दुनियावी रिश्ते-नाते
दुनिया में ज्यादातर रिश्ते-नाते खुदगर्ज हैं। जब तक मतलब होता है तो हर कोई प्यार से बातें करता है और जैसे ही मतलब निकल जाता है तो तू कौन, मैं कौन? इस घोर कलियुग के स्वार्थी रिश्तों में अगर कोई दोनों जहान में साथ देने वाला है तो वो अल्लाह, वाहेगुरु, राम है।
अपने खानदान के बारे में पूज्य गुरु जी ने ऐसा क्या कहा जिसको सुनकर 6 करोड़ साध-संगत गर्व महसूस करती है
सरसा। पूज्य गुरु संत डॉ. ...