रिजर्व बैंक पर होगा नीतिगत दर में कटौती का दबाव
रिजर्व बैंक ने अक्टूबर में जारी मौद्रिक नीति बयान में अनुमान जताया था कि
दूसरी तिमाही में विकास दर 5.3 प्रतिशत रहेगी जबकि
अगले छह महीने में इसके 6.6 से 7.2 प्रतिशत के बीच रहने का अनुमान व्यक्त किया गया था।
नवंबर में जीएसटी संग्रह एक लाख करोड़ रुपए के पार
अक्टूबर महीने के लिए 30 नवंबर तक 77.83 लाख जीएसटीआर-3बी फॉर्म भरे गए।
सरकार ने एकीकृत जीएसटी से 25150 करोड़ रुपए केंद्रीय जीएसटी और 17431 करोड़ रुपए राज्य जीएसटी के खाते में हस्तांतरित किया है।
नए जोश के साथ लोगों के सशक्तिकरण में जुटी रहेगी सरकार: मोदी
प्रधानमंत्री ने शनिवार को ट्विट कर कहा, ‘पिछले छह महीने के दौरान हमने विकास ,
सामाजिक सशक्तिकरण और देश की एकता को मजबूत बनाने के लिए अनेक निर्णय किए हैं।
देश में मंदी का असर : कोर सेक्टर की विकास दर में गिरावट
इससे पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में कोर उत्पादन की दर 4.8 प्रतिशत रही थी।
वर्ष 2018 के अक्टूबर में कोर उत्पादन की दर 4.8 प्रतिशत थी।
पहाड़ों में बर्फबारी, मैदानों में बारिश, जम्मू-कश्मीर में सैकड़ों गाड़ियां फंसी
दिल्ली और एनसीआर में लगातार दूसरे दिन की बारिश से पूरे इलाके में ठंड बढ़ गई है। तेज रफ्तार ठंडी हवा शीत लहर जैसा एहसास करा रही है। अधिकतम तापमान सामान्य से चार डिग्री गिरकर 22 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया।
बारिश से लौट आई दिल्ली की सांस, प्रदूषण से मिली राहत
दिल्ली-एनसीआर के कई इलाकों में बृहस्पतिवार सुबह झमाझम बारिश हुई, जिसने ठंड में इजाफा कर दिया है। बारिश और पहाड़ी राज्यों बर्फबारी से दिल्ली-एनसीआर में तापमान भी गिरा है, जिससे लोग कई जगहों पर अलाव जलाते भी नजर आए।
प्रधानमंत्री की मौजूदगी में हुई कैबिनेट बैठक
साथ ही दोनों देशों ने मानव तस्करों और संगठित अपराध सिंडिकेट के खिलाफ त्वरित जांच
तथा अभियोजन सुनिश्चित करने तथा एक कार्यबल गठित करने पर भी सहमति जतायी है।
गृहमंत्री शाह ने लोकसभा में पेश किया एसपीजी संशोधन बिल
श्री बिरला ने कहा कि वह सभी सदस्यों और सभी मंत्रीगणों को उनके सहयोग के लिए बधाई।
सदन में सभी 20 प्रश्नों के मौखिक जवाब उनके सहयोग के बिना संभव नहीं हो सकते थे।
30 नवंबर तक फडनवीस को साबित करना होगा बहुमत
देवेन्द्र फडनवीस के खिलाफ बहुमत का आंकड़ा सिद्ध करना कठिन होगा।
और उनके स्थान पर दिलीप वल्से पाटिल को एनसीपी विधायक दल का नेता बनाया गया है।
प्रधानमंत्री के विशेषाधिकार के प्रयोग के बाद हटा महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन
स्पष्ट किया है कि इसमें संवैधानिक औपचारिकताओं का पूरी तरह से पालन किया गया है
और यह कदम प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा अपने विशिष्ट अधिकारों का प्रयोग किए जाने के बाद उठाया गया है।


























