Yes Bank के जमाकर्ताओं की पूंजी पूरी तरह सुरक्षित : निर्मला सीतारमण
मैं रिजर्व बैंक के साथ लगातार संपर्क में हूं। यस बैंक के संबंध में जो भी कदम उठाए गए हैं, वे बैंक के जमाकतार्ओं, बैंक और अर्थव्यवस्था के हित में हैं।
मकान की छत गिरने से परिवार के चार सदस्यों की मौत
हादसे में अजय कुमार, पत्नी मर्मी और 6 महीने के दो जुड़वां बच्चों की मौके पर ही मौत हो चुकी थी, जबकि एक बच्ची को निकालकर तुरंत अस्पताल पहुंचाया गया।
Body Donation: संगरूर के 12वें शरीरदानी बने चुन्नी लाल इन्सां
पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां के भलाई कार्यों पर चलते हुए मृतक शरीर को जलाने की बजाए मेडिकल शोध के लिए दान करने का डेरा सच्चा सौदा में फार्म भरा हुआ था।
आंगनबाड़ी यूनियन ने किया डीसी दफ्तर का घेराव
पंजाब में कैप्टन की अगुवाई वाली कांग्रेस सरकार घर-घर रोजगार देने के वादों पर खरी नहीं उतरी। नए रोजगार तो क्या देने थे, लंबे समय से गलत भर्तियों की शिकायतों के निपटारे को तक नहीं कर सकी।
मेहता माइनर में आई दरार, 100 एकड़ गेहूँ की फसल में भरा पानी
मेहता माइनर में आई दरार व दरार को भरने में जुटे किसान।
छात्र की मौत पर फूटा गुस्सा, दिल्ली-नारनौल रोड किया जाम
जाम स्थल पर मौजूद छात्र प्रीती, दिनेश, रवि, पूनम व संदीप इत्यादि ने कहा कि प्रतिदिन कॉलेज के सामने से ओवरलोड वाहनों का आवागमन रहता है। जिसके कारण कॉलेज के एक छात्र की मौत हो गई।
Rain and Hail: बरसात व ओलावृष्टि से फसलों को काफी नुकसान
बिजली, ट्रांसपोर्ट, सड़क आदि प्रत्येक क्षेत्र में खाजूवाला का अंतिम छोर का क्षेत्र होने के कारण अक्सर समस्याओं से जूंझना ही पड़ता है।
पुलिस चौकी में पत्नी को मारने पर हुआ उतारू, गिरफ्तार
नशे में अक्सर वह उसके साथ मारपीट करता है। परिवाद की जांच कर रहे हैड कांस्टेबल राजाराम स्वामी ने सूचना भिजवा लखवीर सिंह मजहबी सिख को चौकी में बुलाया तथा समझाइश के प्रयास किए।
Humanity : रक्तदान कर जीवन बचा रहे चंडीगढ़ के डेरा अनुयायी
प्रेमी संदीप महेंद्रू इन्सां ने सिरमौर, हिमाचल प्रदेश से आए एक मरीज के लिए चंडीगढ़ पीजीआई में ओ नैगेटिव रक्तदान कर उसके इलाज में मदद की। वहीं फरीदकोट, पंजाब से एक मरीज के लिए एमएसजी ट्रयू ब्लॅड पंप ने पीजीआई में दो यूनिट रक्तदान मुहैया करवाया।
सियासत और तकनीकी गड़बड़ियों की भेंट चढ़ी दादूपुर नलवी नहर!
हुड्डा सरकार ने करोड़ों रुपये खर्च कर इस नहर के पहले चरण को पूरा कर दिया, लेकिन नहर तैयार नहीं हो पाई। वहीं बाकी की लगभग 1227.3427 एकड़ भूमि रजवाहों तथा माइनरों के निर्माण के लिए थी, भू-स्वामी किसानों द्वारा विरोध के कारण अधिकृत नहीं की जा सकी।

























