शिक्षक की शादी में ना बैंड, ना बाजा, ई-रिक्शा पर लेने पहुंचे दुल्हन को दूल्हे राजा

E-Rickshaw Marriage
शादी की रस्में पूरी करते दूल्हा-दुल्हन

दरभंगा, (एजेंसी)। बिहार के मिथिलांचल इलाके में इन दिनोंं विवाह (E-Rickshaw Marriage) का मौसम जोरों पर है। कीमती कार्ड, रंग-बिरंगे बड़े-बड़े पंडाल, गाजे-बाजे के बीच गाड़ियों का काफिला शादियों की पहचान बन गई है। ऐसे में शिक्षक रवि श्रीवास्तव की शादी इन दिनों खूब चर्चा में है। वजह है इस विवाह के माध्यम से बढ़ते प्रदूषण को रोकने के साथ पर्यावरण संरक्षण के प्रति आम लोगों में जागरूकता, फिजूलखर्ची पर रोक और भारतीय संस्कृति को बचाने का दिया गया बड़ा सन्देश।

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पौधारोपण कर दिया पर्यावरण संरक्षण में संदेश

विवाह में ना तो बैंड बाजा ना ही गाड़ियों का काफिला। (E-Rickshaw Marriage) विवाह का निमंत्रण पत्र कार्ड की जगह श्रीमद्भगवदगीता में संदेश, सुपारी एवं जनेऊ देकर दिया गया। वहीं, बढ़ते प्रदूषण का संदेश देने के लिए दूल्हा ई रिक्शा में बैठ विवाह स्थल पहुंचा। ई -रिक्शा के ड्राइविंग सीट पर एक महिला ने बैठ न सिर्फ तस्वीर खिंचवाई बल्कि ई रिक्शा को महिला ने ही चला कर महिला सशक्तिकरण का परिचय भी दिया। विवाह की रस्मों रिवाज के तुरंत बाद दूल्हा और दुल्हन ने पर्यावरण संरक्षण का सन्देश देते हुए विवाह स्थल पर पौधारोपण भी किया।

रिटर्न गिफ्ट में वर-वधू ने दिए फलदार पौधे | E-Rickshaw Marriage

अनोखी बात यह भी रही कि विलुप्त होती पुरानी पम्परा के अनुसार दुल्हन की विदाई डोली पर की गई जिसे देख हर कोइ हैरान था। बात इतने पर ही नहीं खत्म हुई वर- वधू के स्वागत के लिए आयोजित स्वागत समारोह में अतिथियों को रिटर्न गिफ्ट में वर-वधू ने सभी को फलदार पौधे दिए। इस शादी में शामिल होने आए सभी अतिथि इसे देख न सिर्फ जमकर तारीफ कर रहे है बल्कि खुद भी अपने घर परिवार में इसी तरह कोई नए सन्देश के साथ शादी समारोह आयोजन करने की बात कह रहे है। वहीं, दुल्हन स्वाति भी अपने जीवन साथी रवि की सोच से न सिर्फ प्रभावित हुई बल्कि बेहद खुश भी है।