गाजियाबाद पुलिस आयुक्त जे. रविंद्र गौड़ के निर्देशन में अपराधियों पर बड़ी कार्रवाई

Ghaziabad
Ghaziabad गाजियाबाद पुलिस आयुक्त जे. रविंद्र गौड़ के निर्देशन में अपराधियों पर बड़ी कार्रवाई

गाजियाबाद (सच कहूँ/रविंद्र सिंह)। राजधानी दिल्ली से सटे कमिश्नरेट गाजियाबाद पुलिस ने 129(जी) बीएनएस के अंतर्गत अभ्यस्त अपराधियों के विरुद्ध प्रभावी कार्रवाई कर जनसुरक्षा को मजबूती प्रदान की है। पुलिस आयुक्त जे. रविंद्र गौड़ के निर्देशन में अपराध रोकथाम एवं सामाजिक शांति स्थापित करने के लिए यह अभियान लगातार जारी है। कमिश्नरेट प्रणाली लागू होने के बाद पुलिस अधिकारियों को कार्यपालक मजिस्ट्रेटीय शक्तियाँ प्राप्त हुईं, जिससे धारा 129(जी) का प्रभावी उपयोग संभव हुआ। इस प्रावधान के तहत अपराधियों को तीन वर्ष तक पाबंद कर अपराध की रोकथाम सुनिश्चित की जा रही है।29 जुलाई 2025 से अपराधियों पर प्रभावी नियंत्रण हेतु व्यापक योजना बनाई गई।

पिछले 10 वर्षों के संपत्ति संबंधित अपराधों में संलिप्त अपराधियों की पहचान कर 5301 अभियुक्तों को नोटिस जारी किया गया। 1059 अपराधियों को बन्धपत्र भरवाकर पाबंद किया गया, जिससे अपराध की पुनरावृत्ति पर प्रभावी अंकुश लगा। चोरी, लूट, स्नैचिंग, डकैती, नकबजनी, वाहन चोरी और असामाजिक गतिविधियों में संलिप्त अपराधियों के विरुद्ध कार्रवाई की गई। पुलिस कमिश्नरेट प्रणाली ने कार्यवाही को सरल, त्वरित और प्रभावी बनाया है, जिससे गाजियाबाद को सुरक्षित और अपराध मुक्त बनाने की दिशा में ठोस प्रगति हुई है। पुलिस आयुक्त जे. रविंद्र गौड़ ने जनता को आश्वस्त किया है कि अपराधियों के विरुद्ध ऐसी सख्त कार्रवाई भविष्य में भी लगातार जारी रहेगी और जनसुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता बनी रहेगी।

यह है जनपद का जोनवार कार्रवाई का विवरण

नगर में 1163 अपराधियों पर कार्रवाई और 280 अपराधियों को पाबंद किया, जबकि ट्रांस हिंडन क्षेत्र में 1364 पर कार्रवाई और 186 को पाबंद किया,ग्रामीण जोन में 2774 पर कार्रवाई और 593 अपराधियों को पाबंद किया गया। कमिश्नरेट में कुल 5301 अपराधियों पर कार्रवाई करते हुए , 1059 अपराधियों को पाबंद किया गया।

पुलिस कार्यवाही के लाभ

  • -जनसुरक्षा में वृद्धि और नागरिकों को सुरक्षा का भरोसा।
  • आदतन अपराधियों की गतिविधियों पर प्रभावी नियंत्रण।
  • पुलिस-जन विश्वास में मजबूती।
  • निवारक पुलिसिंग के जरिए अपराध घटित होने से पहले रोकथाम।
  • सामाजिक शांति में सुधार, मोहल्लों और बाजारों में असामाजिक गतिविधियों में कमी।

कमिश्नरेट प्रणाली के लाभ:

  • तेज़ निर्णय और त्वरित कार्रवाई।
  • अपराधियों की पहचान और निगरानी के लिए विशेष इकाइयाँ सक्रिय।
  • पुलिस प्रशासन और न्यायालय के बीच बेहतर समन्वय।
  •  आधुनिक तकनीक का उपयोग: डिजिटल डाटाबेस, सीसीटीवी निगरानी और साइबर टूल्स।
  •  पारदर्शी और विधिसम्मत प्रक्रिया।