अक्टूबर माह में बोई जाने वाली सब्जियां

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आलू (Potato)

आलू उगाते समय यह बात ध्यान रखें कि पंक्तियों के बीच लगभग 50 सेंटीमीटर तक की दूरी होनी चाहिए तथा पौधे से पौधे के बीच दूरी लगभग 20 से 25 सेंटीमीटर तक की होनी चाहिए। आलू की फसल में मुख्य रूप से पोटाश, फास्फोरस, नाइट्रोजन आदि पर्याप्त मात्रा में ही डाले जाते हैं। प्रति हेक्टेयर के हिसाब से 80 किलोग्राम पोटाश, 120 किलोग्राम नाइट्रोजन और 80 किलोग्राम फास्फोरस डालना चाहिए। आलू के खेत में अधिक मात्रा में पानी ना डालें। आलू की खेती में कटुआ कीड़े सुलभ आदि से काफी हानि पहुंचती है तो ध्यान रखें।

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खीरा (Cucumber)

खीरे की बुआई करते समय ध्यान रखें दो-दो फुट की दूरी पर चोडी बेड पर इसे लगाया जा सकता हैं। पौधे से पौधे के बीच दूरी 60 सेंटीमीटर की होनी चाहिए। खीरे का खेत तैयार करते समय 6 टन गोबर की सड़ी खाद जुताई के समय डालें। बिजाई के समय फास्फोरस और पोटाश की पूरी मात्रा डाल दे, लेकिन नाइट्रोजन 1/3 डालें। बची हुई नाइट्रोजन को दो बार में फूल के आने पर ही खेत की नालियों में डालें। जब बेलो पर फल लगे तो नमी का रहना उस समय काफी आवश्यक है। खरपतवार नियंत्रण के लिए आप 3-4 बार खेत की निराई-गुड़ाई कर दीजिए।

गाजर (Carrot)

गाजर के खेत को देशी हल से लगभग 3-4 बार जुताई करें जुताई करते समय पाटा जरूर लगाएं रखें। जुताई करने से आपके खेत की मिट्टी भुरभुरी हो जाएगी। एक हेक्टेयर में लगभग 6-8 किलोग्राम बीज की जरूरत पड़ती है। गाजर की बुआई समतल क्यारियों में करें लेकिन वह छोटी-छोटी होनी चाहिए। आप इसे 30-40 सेंटीमीटर की दूरी के साथ मेड़ पर भी लगा सकते हो। जब आप बुआई करें तो खेत में उस समय नमी होनी चाहिए। सिंचाई का भी पूरा ध्यान आपको देना होगा गाजर की खेती को खरपतवार से बचाए रखें। जब गाजर की जड़े विकसित हो जाए तो ही उसकी खुदाई आप कर सकते हो।

मटर (Pea)

मटर की खेती में बीज अंकुरण होने के लिए लगभग 22 डिग्री सेल्सियस की आवश्यकता होती है। मटर के अच्छे विकास के लिए लगभग 10-18 डिग्री सेल्सियस तापमान अच्छा माना जाता है। मटर में भी कई तरह की किस्म होती है। मटर की खेती के लिए 100 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर बीज अगेती किस्मों के लिए सही माना जाता है। पछेती, मध्यम किस्मों में 80 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर बीज लगाया जाता है। मटर की खेती के लिए 25 किलोग्राम नाइट्रोजन, 50 किलोग्राम पोटाश, 20 टन सड़ी गोबर की खाद्य तथा 50-70 किलोग्राम फास्फोरस प्रति हेक्टेयर के लिए सही होता है।

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