गेहूँ के बाद अब तूड़ी का भी कम हुआ उत्पादन, किसान हुए निराश

अमलोह/पटियाला(सच कहूँ/अनिल लुटावा)। इस बार गेहूं के निकले कम उत्पादन ने किसानों को परेशानी में डाला ही है और अब साथ ही तूड़ी भी प्रति एकड़ कम निकलने के कारण पंजाब का अनदाता किसान पूरी तरह से पिट गया है। गेहूं के कम उत्पादन के कारण इस बार प्रति एकड़ पर किसानों का आया खर्चा ही बड़ी मुशकिल से पूरा हो रहा है। क्यों कि जहां पिछले गेहूँ सीजन के समय प्रति एकड़ में से 22.50 क्विंटल का उत्पादन निकलता रहा है। वहीं इस बार किसानों के पल्ले 10 क्विंटल ही प्रति एकड़ उत्पादन आया है। यदि गेहूँ के प्रति एकड़ और किसानों के आए कुल खर्च की बात की जाये तो बिजवाई से लेकर गेहूँ काटने तक 20 हजार रुपए के करीब किसान का खर्चा आता है।

परन्तु गेहूं के कम उत्पादन के कारण इस बार किसानों को आमदन होने की जगह प्रति एकड़ में से 20 हजार रुपए ही पल्ले पड़े हैं। जिस कारण सरकार के भाव 2015 रुपए प्रति क्विंटल मुताबिक इस बार किसानों को प्रति एकड़ 25000 रुपए के लगभग गेहूं में से घाटा पड़ा है। जिसकी पूर्ति किसान अगले कई सीजनों तक नहीं कर सकेंगे। इसके अलावा जो किसान गेहूं काटने उपरांत पशुओं के लिए तूड़Þी बनाते थे। जहां वह पिछले सीजनों में दो से ढाई ट्रालियां प्रति एकड़ बनती थी। वह इस समय किसानों के पल्ले प्रति एकड़ में से एक ही ट्राली पड़ रही है। जब कि तूड़Þी को बनाने का प्रति ट्राली खर्चा 1500 रुपए के लगभग आता है।

क्या कहते हैं हलका अमलोह के हलका इंचार्ज गुरप्रीत सिंह राजू खन्ना

जब गेहूं के कम उत्पादन संबंधी हलका अमलोह के हलका इंचार्ज गुरप्रीत सिंह राजू खन्ना से बात की गई तो उन्होंने कहा कि पंजाब के किसानों को इस बार गेहूँ की फसल में पड़े बड़े घाटे की पूर्ति समय की केंद्र और पंजाब सरकारों को 25 हजार रुपए प्रति एकड़ किसानों को देकर करनी चाहिए।

क्या कहते हैं किसान नेता हरविन्दर सिंह बिन्दा माजरी

किसान नेता हरविन्दर सिंह बिन्दा माजरी ने कहा कि किसान तो पहले ही तबाही के किनारे पर खड़ा है और हर रोज कर्ज का सताया आत्महत्याएं कर रहा है और ऊपर से इस बार गेहूं के कम उत्पादन ने किसानों का कमर तोड़ कर रख दी है। बिन्दा ने पंजाब सरकार और केंद्र सरकार से गेहूँ के कम उत्पादन को लेकर किसानों को अधिक से अधिक तुरंत मुआवजा देने की बात भी कही।

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